इराई नदी के बैक वाटर के कारण महानगर के सिस्टर कॉलोनी, रहमत नगर, स्वावलंबी नगर, वड़गाव, जगन्नाथ बाबा नगर, बालाजी वार्ड जैसे बस्तियों को इस मौसम में तीसरी बार बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ के कारण उपरोक्त बस्तियों में रहने वाले नागरिकों को अपूरणीय क्षति सहनी पड़ रही है.Muncipal corporation finally woke up from Kumbhakarni sleep
यह सभीं इलाके निवास के लिए जोखिम भरे होने के कारण जिला प्रशासन और राज्य सरकार ने फ्लड लाइन ज़ोन घोषित कर वहां ले आउट्स तथा निर्माणकार्य के लिए अनुमति देना बंद कर दिया है.Preparation for removal of unauthorized construction work
जिले में वर्ष 2012 से पहले हर वर्ष इराई नदी को बाढ़ आती थी लेकिन उसके बाद बारिश के अभाव में जिले में पिछले 10 वर्ष से कभी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई थी, इस का ही फायदा उठाते हुए जिले में सक्रिय भूमाफियाओं ने नदी किनारे अनधिकृत ले आउट्स बनाये और सस्ती जमीन के लालच में लोगों ने इन ले आउट्स में प्लॉट्स खरीदकर वहां अनाधिकृत निर्माणकार्य करते हुए मकान खड़े कर लिए. इस बार वे सभी मकान बाढ़ की चपेट में आ गए, जिससे न केवल निवासियों को आर्थिक नुकसान सहना पड़ रहा है बल्कि बाढ़ के पल पल बढ़ते खतरे के कारण मानसिक पीड़ाओं को भी सहना पड़ रहा है.
अनाधिकृत लेआऊटस पर निर्माणकार्य को मंजूरी दिए जाने के मामले में मनपा भी घेरे में आने के बाद मनपा अब अपनी गलती में सुधार करती हुई नजर आ रही है. मनपा प्रशासन ने यहां बाढ प्रवण क्षेत्र में बडे बडे फलक लगाकर सूचना जारी की है.
मनपा की सूचना के अनुसार चंद्रपुर शहर में नदी के किनारे क्षेत्र में बाढ प्रभावित क्षेत्र एवं विकास योजना अनुसार आरक्षित जगहों पर कुछ अनाधिकृत रूप से लेआऊटस डालकर भूखंड नोटरी पध्दति से बेचे जाने का ध्यान में आया है. इसलिए सभी सर्वसामान्य जनता को इस नोटिस के माध्यम से इशारा दिया जा रहा है कि बाढ प्रभावित क्षेत्र में एवं आरक्षितजगह पर अनाधिकृत निर्माणकार्य को हटाया जाएगा. इसके लिए किसी भी तरह कोई भी सुनवाई नहीं होगी.
मनपा के इस नोटिस से ना केवल बिल्डर्स बल्कि अपनी सम्पूर्ण जमापूंजी खर्च कर यहा आशियाना बनानेवाले सामान्य नागरिकों की दिल धडकने बढ गई है. हजारों परिवारों के बेघर होने की संभावना है.
यह सभीं इलाके निवास के लिए जोखिम भरे होने के कारण जिला प्रशासन और राज्य सरकार ने फ्लड लाइन ज़ोन घोषित कर वहां ले आउट्स तथा निर्माणकार्य के लिए अनुमति देना बंद कर दिया है.Preparation for removal of unauthorized construction work
जिले में वर्ष 2012 से पहले हर वर्ष इराई नदी को बाढ़ आती थी लेकिन उसके बाद बारिश के अभाव में जिले में पिछले 10 वर्ष से कभी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई थी, इस का ही फायदा उठाते हुए जिले में सक्रिय भूमाफियाओं ने नदी किनारे अनधिकृत ले आउट्स बनाये और सस्ती जमीन के लालच में लोगों ने इन ले आउट्स में प्लॉट्स खरीदकर वहां अनाधिकृत निर्माणकार्य करते हुए मकान खड़े कर लिए. इस बार वे सभी मकान बाढ़ की चपेट में आ गए, जिससे न केवल निवासियों को आर्थिक नुकसान सहना पड़ रहा है बल्कि बाढ़ के पल पल बढ़ते खतरे के कारण मानसिक पीड़ाओं को भी सहना पड़ रहा है.
अनाधिकृत लेआऊटस पर निर्माणकार्य को मंजूरी दिए जाने के मामले में मनपा भी घेरे में आने के बाद मनपा अब अपनी गलती में सुधार करती हुई नजर आ रही है. मनपा प्रशासन ने यहां बाढ प्रवण क्षेत्र में बडे बडे फलक लगाकर सूचना जारी की है.
मनपा की सूचना के अनुसार चंद्रपुर शहर में नदी के किनारे क्षेत्र में बाढ प्रभावित क्षेत्र एवं विकास योजना अनुसार आरक्षित जगहों पर कुछ अनाधिकृत रूप से लेआऊटस डालकर भूखंड नोटरी पध्दति से बेचे जाने का ध्यान में आया है. इसलिए सभी सर्वसामान्य जनता को इस नोटिस के माध्यम से इशारा दिया जा रहा है कि बाढ प्रभावित क्षेत्र में एवं आरक्षितजगह पर अनाधिकृत निर्माणकार्य को हटाया जाएगा. इसके लिए किसी भी तरह कोई भी सुनवाई नहीं होगी.
मनपा के इस नोटिस से ना केवल बिल्डर्स बल्कि अपनी सम्पूर्ण जमापूंजी खर्च कर यहा आशियाना बनानेवाले सामान्य नागरिकों की दिल धडकने बढ गई है. हजारों परिवारों के बेघर होने की संभावना है.

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