मुल / नासिर खान :- मुल तहसिल के मशहुर ग्राम " राजगड ग्राम पंचायत के सरपंच का भाजपा में प्रवेश कांग्रेस मे पडी खिंडार " तथा अन्य आशयों के साथ समाचार समाचार पत्रो तथा पोर्टलों पर प्रकाशित किए किए जाने के बाद ऐन विधान सभा चुनावी समर के बिच राजनिती गरमा गयी और तडकाफडकी राजगढ ग्राम के सरपंच ,उप सरपंच तथा अन्य सदस्यों ने पत्रकार परिषद का आयोजन कर स्पष्ट किया के सरपंच रविंद्र मनोहर चौधरी मुनगंटीवार के दरबार मे सरपंच की हैसियत से या ग्राम पंचायत के किसी काम को लेकर नही गये थे ना ही ग्राम पंचायत का कोई सदस्य उनके साथ गया था, वे अपने समाज भवन की पुरानी मांग को लेकर अपने समाज के लोगों के कहने पर उनके साथ गये थे. वहां उनके गले मे मुनगंटीवार ने भाजपा का दुपट्टा डालकर पक्ष प्रवेश की घोषणा कर दी, मुझे मालुम नही था के वहां पक्ष प्रवेश का पुर्व नियोजित कार्यक्रम होने वाला है.उप सरपंच चंदु मारकवार ने पत्रकार परिषद मे आरोप लगाते हुए स्पष्ट कहा के ऐसी गिरी हुई तुच्छ राजनिती की उम्मीद मुनगंटीवार से कदापी नही थी. हमे सब ईस कृत्य का निषेध करते है.
Sarpanch's entry into BJP: How right and how wrong
जानकारी देते हुए चंदु मारकवार ने स्पष्ट किया के राजगड ग्राम पंचायत पर ना कांग्रेस ना भाजपा का वर्चस्व है सरपंच और सदस्य सभी निर्दलीय है यहां किसी पक्ष की सत्ता नही है. सरपंच समाज के काम के लिए समाज के लोगों के साथ मुनगंटीवार से मिलने गये थे ना की ग्राम पंचायत के काम से गये थे.पुर्वनियोजित पक्ष प्रवेश कार्यक्रम से सरपंच अनभिग्न थे.अगर समाज के अन्य लोगों के साथ उनका भी पक्ष प्रवेश हुआ है तो वह उनका व्यक्तीगत है.ईसे ग्रामपंचायत से जोडकर कांग्रेस मे खिंडार कहना उचित नही है. सरपंच ने स्पष्ट किया के जो भी हुआ गलत हुआ है पक्ष प्रवेश लादा गया है पक्ष प्रवेश के समय वहां मेरे समाज के लोग थे ग्राम पंचायत का कोई भी सदस्य मेरे साथ वहां मौजुद नही था. पक्ष प्रवेश पर मै अपना राजीनामा मुनगंटीवार को भेज रहा हूं. हमारी ग्राम पंचायत निर्दलीयों की है उसमे रहा सद्स्य किसी भी पक्ष का साथ दे सकता है वह उसका निजी अधिकार है उसे भी ग्राम पंचायत से जोडना गलत है.
जानकारों का कहना है के जंग मे सब जायज़ है जहां हर हरबा ईस्तेमाल किया जाता है. पहले सत्ता के लिए जंग तलवारो के साए में हुवा करती थी अब वोटों के लिए चुनावी मैदान में हुआ करती है यहां भी झुठ सच अफवाहो के हरबे ईस्तेमाल किए जाते है हर पक्ष यही करता है ईसमे कोई बात नयी नही है आज के दौर मे ईसे ही राजनिती कहते हैं!
0 comments:
Post a Comment