मूल / नासिर खान :- कर्मविर महाविद्यालय के सामने क्रिडा मैदान के एक पेड पर संध्या के समय दो तेंदुए देखे गये जिसे मोबाईल कैमरे मे कैद किया गया. क्रिडा मैदान मे शाम पांच बजे से और सुबह पांच बजे से नागरीकों के घुमने फिरने जाने तथा व्यायाम वाकिंग का स्थल बना हुआ है, रात सात आठ नौ बजे तक लोगो को मैदान पर देखा जाता है. मैदान में हायमास लाईट नगरपरिषद द्वारा लगाए गये है परिसर प्रकाशमान रहता है.
दि. 14 की शाम 6.15 बजे तेंदुए के जोडे को ईसी मैदान के किनारे एक पेड पर देखे जाने से जहां लोगो में दहशत बनी रही वहीं तेंदुए के जोडे को देखने हायवे पर आने जाने वाले वाहन मार्ग के किनारे लगाकर देखने वाले वन्य प्राणी प्रेमियों का तांता लग गया. इस से पहले भी बाघ और तेंदुए के दर्शन लोगों को नित होते रहे है और होते रहते हैं. भालु को तहसिल कार्यालय के पिछे अनेको बार देखा गया है.
मुल शहर से लगकर ही ताडोबा जंगल क्षेत्र लगा हुवा है, यहां यह कहना भी गलत नही होगा के मुल शहर ही ताडोबा जंगल क्षेत्र मे बसा हुआ है.जंगली जानवर अपने क्षेत्र में विचरण कर रहे उसमें उनका दोष क्या हो सकता है, जब जनता ने ही उनके क्षेत्र मे पहले गांव बसाया फिर शहर और अब नगरी बनाने की ओर जनता के कदम बढ़ते जा रहे है. ऐसे में जनता को ही सावधानी बरतनी होगी, देर रात तक उस ईलाके में जाने और समय बिताने से बचना होगा, वन विभाग कुछ नही कर सकता वह वही करेगा जो उसे करना है, घटना के बाद पंचनामा.जंगली जानवरों के हमले में मृत्यु पर पोस्ट मार्टम, तत्काल 20,25 हज़ार की आर्थीक सहाय्यता, बाकी मुआवज़े की रकम के लिए चप्पल जुतों की घिसाई,बरसों के ईंतेज़ार के बाद मुआवज़ा कब मिलेग
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