चंद्रपुर - एक तय राशि देने पर बाजार से मिलने वाले सोना के दुगुना सोना देने का लालच देकर राजस्थान के एक ठगबाज ने मूल तहसील के बेंबाल निवासी दो लालची किस्म के लोगों से धोखाधडी की घटना कुछ दिनों पूर्व घटने से पुलिस द्वारा बार बार सावधान किए जाने के बाद लोग लालच में इस प्रकार में झांसे में फंसने का एक और मामला सामने आया है.
व्यवसाय के लिए गांव गांव घुमते समय पर तीन महीने पूर्व राजस्थान निवासी एक ठगबाज ने बेंबाल निवासी विवेक नामक व्यक्ति से भेंट की. भेंट के दौरान हुई चर्चा में मछली जाल में फंस गई इसका अनुमान होने पर सोने का कारोबारी हूं और बाजार के कीमत से आधे दाम में दुगुना सोना बेचना चाहता हूं. ऐसा कहते हुए सोना बेचने का प्रस्ताव रखा. ठगबाज की बातों में आये विवेक को विश्वास दिलाने के लिए उसने शुध्द सोने की दो मनी दी और उसे सोनार से जांच कराने की सलाह दी. दोनों मनी की जांच करने पर दोनों शुध्द सोने की निकली. जिसके बाद आधी कीमत में सोना खरीदने का सौदा तय हुआ.
विवेक और उसके सहयोगी ने एक निश्चित राशि में दोगुना सोना खरीदने के लिए राजस्थान के उस व्यक्ति से संपर्क किया. बातचीत के मुताबिक विवेक और उसका एक साथी बीस लाख रुपये की तय रकम लेकर गोंडपिपरी गए थे. निर्धारित स्थान पर विवेक ने उस व्यक्ति को बीस लाख रुपये दिए और दो किलो सोने की बैग ले ली. गुप्त लेन-देन पर चर्चा न करने और पुलिस को सुराग न लगे इससे डरकर विवेक और सहयागी बेंबाल लौट आए. अगले दिन जब वह बैग के सोने की जाँच कराने सुनार के पास पहुंचे तो. उसने बैग में भरी धातू सोना न होने की बात कही तो विवेक और उसके दोस्त के पैरों के नीचे की जमीन खिसकती प्रतीत हुई.
बीस लाख का सौदा करने वाले ने उसके साथ ठगी की है यह समझने पर विवेक ने अनेकों बार उससे संपर्क का प्रयास किया. किंतु संपर्क न होने पर विवेक और उसका सहयोगी किशोर गोंडपिपरी पहुंचे. किंतु वह ठगबाज कब का गोंडपिपरी से फरार हो चुका था. ठगबाज ने 20 लाख की धोखाधडी साफ होने के बाद इस गुप्त व्यवहार से बदनामी न हो और पुलिस पीछे न लगे इसलिए विवेक ने एक लूटमार की मनगढ़त कहानी गढ़ी. उसने बताया कि वह पत्नी के साथ बाईक से मूल की ओर आ रहा था कि मूल ताडाला के बीच बाईक सवार दो युवकों ने बीच में रोका और चाकू की नोंक पर पत्नी से पर्स छीन लिया. पर्स में लगभग 6 लाख रुपए के जेवर थे. इसकी रिपोर्ट मूल थाने में दर्ज करायी.
रिपोर्ट के आधार पर मूल के थानेदार सतीशसिंह राजपूत ने जांच शुरु की तो पाया कि इस प्रकार की राहजनी की घटना नहीं घटी है. यह सामने आते ही थानेदार राजपूत ने विवेक ओर उसकी पत्नी को जांच के बुलाया तो विवेक चकरा गया और उसका झूठ पकडा गया यह जानकर उसने सारी घटना का सच बता दिया. उसके साथ किसी प्रकार की राहजनी नहीं हुई है. जल्दी धनवान बनने के चक्कर में विवेक और उसके सहयोगी ने सोने के बदले में ठगबाज को लाखों रुपए देने का मामला स्वयं पर भारी पडते देख उसने लूटमार की रिपोर्ट वापिस लेकर वास्ताविक घटना की रिपोर्ट दी. रिपोर्ट की जांच शुरु होते ही लाखों रुपए विवेक के पास कहा से आए इसकी जांच पुलिस ने शुरु की है. इसकी वजह से विवेक और उसका सहयोगी परेशानी में फंसते दिखाई दे रहे है. इस लेन देन की चर्चा शुरु होते ही कुछ लोगों ने इस व्यवहार में दिए लाखों रुपए की जांच हो ऐसी विनंती वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से की है. इस मामले की जांच में लाखों रुपए कहा से यह सामने आने की चर्चा है.
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