चंद्रपुर :- Tadoba Jungle Safariताडोबा जंगल सफारी के लिए ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर राज्य सरकार के वन विभाग के साथ धोखाधड़ी कर 12 करोड़ से अधिक राशि की हेराफेरी के बहुचर्चित मामले में न्यायलय ने दोनों आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया हैं. Accused of misappropriation of crores absconding in Tadoba
गौरतलब है कि, ताडोबा में जंगल सफारी की ऑनलाइन बुकिंग हेतु अपने पोर्टल से पर्यटकों से ली गयी 12 करोड़ से अधिक की बुकिंग राशि वन विभाग को नहीं लौटाए जाने से वन विभाग की ओर से पुलिस में की गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने स्थानीय गुरुद्वारा मार्ग निवासी अभिषेक विनोदकुमार ठाकुर और रोहित विनोदकुमार ठाकुर नामक दो सगे भाइयों के खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज किया है.
जबसे पुलिस ने यह मामला दर्ज किया हैं, तबसे पिछले 2 सप्ताह से दोनों आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर ही हैं. दोनों आरोपियों ने अग्रिम जमानत के लिए जिला न्यायालय में याचिका दायर की थी. यह याचिका न्यायालय ने खारिज कर दी हैं. जिससे अब दोनों आरोपियों को आगामी दिनों में पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने की संभावना प्रबल हो गयी हैं.
गौरतलब है कि, ताडोबा जंगल सफारी के लिए ताडोबा अंधारी बाघ परियोजना संवर्धन प्रतिष्ठान के कार्यकारी निदेशक के साथ चंद्रपुर वाइल्ड कनेक्टिविटी सोलुशन नामक कंपनी के बीच अनुबंध हुआ था. यह कंपनी गुरुद्वारा रोड, चंद्रपुर निवासी अभिषेक विनोदकुमार ठाकुर और रोहित विनोदकुमार ठाकुर नामक 2 भाइयों की है. उक्त अनुबंध के तहत यह कंपनी कमीशन बेसिस पर ताडोबा अंधारी बाघ परियोजना में ऑनलाइन सफारी बुकिंग ले सकती थी.
वर्ष 2020 से 2023 के कार्यकाल में इस कंपनी ने देश विदेश के पर्यटकों से अपने वेब पोर्टल पर से बुकिंग के तहत बड़ी राशि प्राप्त की, इस राशि मे से इस कंपनी को 22 करोड़ 20 लाख की रकम ताडोबा अंधारी बाघ परियोजना संवर्धन प्रतिष्ठान के पास जमा करनी थी, लेकिन शिकायतकर्ता का आरोप है कि, इस कंपनी ने सिर्फ 10 करोड़ 65 लाख की रकम ही जमा की और शेष 12 करोड़ 15 लाख की रकम का गबन किया. यह बात चारों वर्ष के ऑडिट किये जाने पर उजागर हुई. सरकारी रकम की हेराफेरी किए जाने की बात स्पष्ट होने पर वन विभाग की ओर से विभागीय वन अधिकारी सचिन शिंदे ने कंपनी के दोनों के खिलाफ रामनगर पुलिस में शिकायत दर्ज की. पुलिस ने अभिषेक विनोदकुमार ठाकुर और रोहित विनोदकुमार ठाकुर के खिलाफ मामला दर्ज किया था. यह भी बताया जा रहा है कि, दोनों को बचाने के लिए पुलिस पर राजनीतिक दबाव डाला जा रहा हैं.
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