मुल/नासीर खान :-बल्लारपुर विधान सभा मे बज रहे भोंपू कल शाम 6 बजे बंद हो गये. बिना भोंपू के प्रचार चलता रहा इसी दौरान बिजेपी और कांग्रेस टीम कोसंबी नामक ग्राम मे आमने सामने हो गयी और देखते ही देखते सिधे संतोष रावत और मुनगंटीवार कें टीम के बिच हाथा पाई हो गयी जिसमे संध्या गुरनुले को भी बख्शा नही गया, उनका चषमा टुट गया. इस हमले में मुनगंटीवार बालबाल बच गये उनके साथ केवल धक्काबुक्की हुई. संतोष रावत ने थाने मे धरना दे कर मुनगंटीवार की उम्मीदवारी रद्द कर ने की मांग भी की है.उनका कहना है के मुनगंटीवार द्वारा सभा ली जा रही थी आचार संहीता का उलंघन हो रहा था. मुनगंटीवार का कहना रहा मै आमदार हुं कार्यकर्ताओं की समस्या सून रहा था.विधायक बनने के लिए चुनाव लड रहे संतोष रावत को लग रहा था के आचार सहिंता का उलंघन हो रहा है तो चुनाव अधिकारी को तत्काल शिकायत करते उन्हे वहां बुलाते, पुलीस मे शिकायत करते दंगा फसाद मारपिट यह एक भावी विधायक को शोभा नही देता. नाजुक समय मे ऐसी घटनाएं बने बनाए माहोल को बिगाड भी सकती हैं ऐसा अनुभवी राजकारणियों के बिच कहा जाने लगा है.
One incident tarnished the Ballarpur Legislative Assembly
इस घटना को लेकर भिन्न भिन्न प्रकार की व्याप्त चर्चाओं मे कहा जा रहा की इस मुल शहर में चुनाव पहले भी होते थे आगे भी होते रहेंगे. 2009 से 2019 तक मुनगंटीवार लगातार ईस क्षेत्र से चुनाव लढते और जित कर आते रहे हैं .इस बार उन का सातवां और बल्लारपुर विधान सभा का यह 4 था चुनाव है जिसके अंतिम चरणों मे मुनगंटीवार तथा उनके टीम पर हमला हो जाना दर्शा रहा है की 20 तारीख तक कुछ बडा होने वाला हैं. यहां जो हो गया हैं उससे कही ज्यादा बल्लारपुर और चंद्रपुर दुर्गापुर में हो सकता है ऐसी आशंका भरी चर्चाओं से जान पड रहा है .कहा यह भी जा रहा है के मुनगंटीवार के सुरक्षा कर्मी साथ ना होते तो एक अनर्थ होता दिखाई देता. अब ताजा तरीन बिगडते हालात बता रहे है के मुनगंटीवार की सुरक्षा खतरे मे है. उन पर इसके बाद बडा हमला भी हो सकता है उन्हे शासन प्रशासन पर भरोसा नही करना चाहिए अपनी सुरक्षा के इंतेज़ाम खुद करने चाहीए ऐसा जानकारों का कहना है.
ईस हादसे के बाद जन सामान्य के बिच यह कहा जा रहा है के इस घटना का असर दि. 20 बुधवार को होने वाले मतदान पर होने जा रहा है बना बनाया खेल बिगडने जा रहा हैं. दि.23 को मतगनणा के बाद यह खुलकर सामने आ जाएगा के यह घटना किसके लिए घातक रही है. जानकारों का मानना है के दहशत के साये में होने जा रहा बल्लारपुर विधान सभा चुनाव 72 अनहोनी भी हो सकता हैं और दहशत के चलते मतदान का प्रतिशत घट भी सकता है
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