मुल / नासिर खान:तिन लोगो की हत्यारी आदमखोर बाघिन को पकडने मे वन विभाग के कर्मचारीयों को सफलता प्राप्त हुई है.
The man-eating tigress that was finally caught is a big success of the forest department, the search for two cubs continues
वन विभाग के अधिकारी तथा कर्मचारी लंबे समय से बाघिन के तलाश मे जंगल जंगल घुम रहे थे.बाघिन के होने की सुचना पर वन विभाग वहां पहुंचता ईस से पहले ही बाघिन वहां से खिसक लेती. अंतत: चितेगांव के नदी के आस-पास एक खेत मे उसे इंजेक्शन के माध्यम से पकड लिया गया. बताते है के उसके दो शावक भी है जिनकी तलाश की जा रही है. बाघिन को पकडने का पुर पुरा श्रेय वन विभाग के उन अधिकारीयों तथा कर्मचारीयों को जाता है जिन्होने बाघिन की तलाश में विरान दहशत के साए मे रात दिन एक कर दिए.
अगर कोई राजकारणी यह कहता फिरे के हमने आवाज़ उठाई थी और प्रशासन को हमने ही जगाया था. आजकल घर बैठे आवाज उठाना और श्रेय लेने की दौड में लगे रहना ईसे ही असल राजनिती कहा जाता है ऐसे नेताओं का ईस युग में होना भी बहोत जरूरी है क्योंके जनता के बिच ऐसे ही नेताओं की जरूरत है.
लगभग 40 ट्रप कैमरे और 66 वनकर्मी बाघिण को पकडने के लिए तैनात किए गये थे.नदी तट पर बनाई गयी थी चौकीयां. दहशत के बिच गुजर रही थी तैनात वन कर्मीयों की रात में अंतत: बुधवार की रात मिली सफलता. ईस सफल मुहीम का शुभारंभ मुख्य वन रक्षक डा. जितेंद्र रामगांवकर, मंडल अधिकारी प्रशांत खाडे के मार्गदर्शन में तथा सहा.वन संरक्षक विकास तरसे, सावली के वन परिक्षेत्र अधिकारी विनोद धुर्वे के नेतृ्व मे सफलता पुर्वक कारवाई अपनाई गयी. चंद्रपुर वन परिक्षेत्र अधिकारी घनश्याम नायगांवकर ने बाघिण को बेहोश करने मे सफृलता प्राप्त की.
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