मुल /नासीर खान:-मुल तहसिल की प्राणहिता कहलाने वाली ऊमा नदी ने अपने आपको पुरी तरह सुखाकर शासन की जल योजनाओं की पोल खोल दी है, भ्रष्ट अधिकारीयो का आईना जनता के सामने रख दिया है, तहसिल के हर ग्राम मे महीलाए पाणी के लिए पुराने कुओं पर भारी भिड के बिच पाणी खेंच कर ला रही है.कुएं भी जल पुराने मे असमर्थ दिखाई दे रहे हैं." हर घर जल योजन"आधे अधुरे काम के चलते ठप्प हो गयी है 24 ग्रामोंकी " गिरीड " योजना भी पहले से चरमराई हुई है.
जनता के बिच सरकार की सारी योजनाओं के असफल होने के पिछे अधिकार शाहों तथा भ्रष्ट नितियां को जिम्मेदार ठहराया जाने लगा हैं. चुनावी समर मे विकास के डंके बजाए गये .जनता के बिच परिणामों का ईंतेजार बाकी है हालात से लगता है के परिणाम जनहीत मे ही आने वाले है.
मुल तहसिल के ग्रामों मे मे लगे बोरवेल सुधारे नही जाते अनेको बोरवेल बंद होने का कहा जा रहा है.पाणी की मशिने बंद है बस उसके उद्घाटन ही जोरशोर से होते दिखाई देते है बंद होने पर उसे सुधारने मे अधिकार बिच मे आ जाता है .मुल मे तथा ग्रामिण ईलाकों मे मशिने बरसों से बंद है.जिधर उधर पाणी के लिए हाहाकार मचा हुआ हैऔर सरकार को अपनी पिठ थपथपाने सै फुर्सत नही है !
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