मुल/नासीर खान :- मुल के 23 मतदान केंद्रों पर शांतीपुर्ण मतदान दोपहर के बाद मतदाताओं की भिड देखने को मिली. इस बार का चुनाव आरोप प्रत्यारोप के बिच संपन्न हुआ. लोगों का कहना है के इससे पहले भी विधान सभा चुनाव लोगों ने देखे है लेकीन ईतना हंगामा, राडा और धन वर्षा के आरोप कभी नही हुए. यह पहला विधान सभा चुनाव है जो नगर परिषद चुनाव जैसा लग रहा था. बुथ के गेट तक ही नही तो बुथ परिसर में भी खटखट खटाखट की आवाजे आ रही थी. चंद उम्मीदवारो के प्रतिनिधी लाईन मे लगे लोगों तक भी पहुंचते देखे गये. और ईशारों इशारों में बहोत कुछ हो गया और आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला चल पडा.
हवा बे वजह तो नही चलती पत्ते हिलते हैं तभी हवा के चलने के संकेत मिलते है. एक दुसरे पर आरोप बेवजह नही होते रहे ऐसे में क्या चुनाव आयोग के मुल स्थित चुनाव निर्णय अधिकारी अजय चरडे अपनी भुमिका और अपना कर्यव्य ठिक से निभा पाए है ? बुथों के बाहर राडा तो गाली गलौच भी बहोत हुई, जिन्हे दादागिरी गुंडा गर्दी का 'अ ' तक नहीं मालुम तो बाप के हाथ का एक थप्पड तक नही खाया वे भी आस्तिन तानते रहे. ऐसे मे पुलिस की भुमिका सटीक रही पुलिस राडा करने वालों को एक दुसरे से दुर करती रही और भिड को बडे ही प्यार से खदेडती रही. जब कोई मारपीट खून खराबा ही नही हुआ ऐसे में पुलीस ने बडे ही संयम से काम लिया.अगर कहीं मारपीट या हथियार चल जाते तो पुलिस उन हालात से निपटने के लिए पुरी तरह सक्षम और तय्यार थी ऐसा पुलिस फोर्स की तय्यारी से लग रहा था.
यह पहला विधान सभा चुनाव है वरना आज तक कभी ऐसा देखा नही गया ऐसा जिनके मुंह मे दांत नही सर पर बाल नहीं कानो से सुन नही पाते हाथों में लकडी लिए फटी आंखो से आज की लोकशाही का तमाशा देखने वाले उम्र दराज़ अनुभवीयो का कहना रहा हैं क्या इसे ही लोकशाही कहते हैं ? उनका यह भी कहना है के चुनकर तो वही आना है जिसने नसीब लिखाकर लाया है, ईस धर्ती पर आज तक ऐसा कोई नही आया जिसने अपने हाथों से अपनी तकदीर लिखी हो.
राज्य का महाचुनाव पर्व थोडा अशांत लेकीन शांतता पुर्ण संपन्न हुआ. दि.23 को दोपहर 3,4 बजे तक यह समझ मे आ जाएगा के बाजी कौन मार रहा है और बाजिगर कौन कहला रहा है. मतदान के बाद चलते रही चर्चाओं मे यह बात सामने आ रही है के सर्दी के मौसम मे चहा की किटली ने गणित कारों का गणित ही बिगाड दिया है सटोरीयों के दिलों की धडकने बढा़ दी हैं कुछ अनुमानकारों का ऐसा भी अनुमान सामने आया है कें मुल में केटली दुसरे नंबर के प्लेटफार्म पर आ रही है अगर ऐसा है तो पहले और तिसरे प्लेट फार्म पर कौन सी ट्रेन आ रही. बल्लारपुर विधानसभा मे पहली बार कोसंबी और मुल में हुए राडे से किसको लाभ और किसका नुक्सान हुआ है यह भी खुलकर सामने आ जाएगा. मुल क्षेत्र की जनता को राडा पसंद है नहीं है इसका जवाब भी तहसिल परिसर मे लगे शामियाने से ध्वनीक्षेप के माध्यम से जनता तक पहुंच जाएगा!
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