मुल/ नासीर खान:-पूर्व मंत्री सुधिर मुनगगंटीवार के कार्यकाल के दौरान मुल स्थित गांधी चौक में ट्राफिक सिग्नल लगाए गये थे जो वर्षों से बंद पडे है.अब ना तो उन्हे सुधारा जा रहा है ना उखेडा जा रहा. बंद सिग्नल चौक की शान बने हुए है और बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार होने के संकेत भी दे रहे है.
यातायात का बुरा हाल है एक जैसा ट्राफिक चलता रहता रोड क्रास करने के लिए जान हथेली पर लेकर चलना पडता है. सिग्नल लगाने मे भ्रष्टाचार यह शब्द बहोत पुराना हो गया है उसकी तो व्याख्या हि बदल गयी हर छोटा बडे टेबल पर भ्रष्टाचार ने शिष्टाचार की जगह ले ली है. 100 रूपये से शुरू होता है और करोडो मे शिष्टाचार पहुंच जाता है.यह शिष्टाचार हर आदमी की ज़रूरत बन गयी है. क्योके मशिनी जिंदगी मे आदमी के पास झटके खाने और चक्करों के मारने का वक्त किसी के पास नही है.महिनों में होने वाला काम मिनटों मे करने के लिए भारतिय नोट जिन पर पुज्य गांधी जी हंस रहे है बहोत कुछ आसानी कर जाते है
सिग्नल बंद गांधी चौक मे स्कुल के समय बच्चों के लिए एक ट्राफिक पुलिस सुबह शाम देखा जाता है. बढते ट्राफिक वाहनों की यातायात को बिच मे कहीं तो चंद सेकंद के लिए रोका जाना ज़रूरी है तब कही जाकर रोड क्रास करने मे आसानी हो सकती है जिसके लिए सुबह से लेकर शाम तक ट्राफिक पुलिस की व्यवस्था दी जाए ऐसी मांग पुर्व मंत्री तथा वर्तमान विधायक मुनगंटीवार से की जा रही साथ ही बंद सिग्नलों मे भ्रष्टाचार कितना हुआ ईसकी जांच किसी ईमानदार अधिकारी से उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग भी की जाने लगी है !
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