मुल/ नासीर खान:-
न.प. चुनाव मे खडे रहने के इच्छुक उम्मीदवारो में से कुछ ऐसे भी उम्मीदवार होंगे जिनके नाम सरकारी जगह पर अतिक्रमण करने वालों मे होंगे ऐसे ही लोगो की जांच प्रतीस्पर्धी उम्मीदवारों ने शुरू कर दी है जिससे अनेको के माथे पर बल दिखने लगे है और एक नयी समस्या उनके सामने आन पडी है.  कहा जा रहा है की संभावित उम्मीदवारों के नाम से जुडे  दस्तावेज और ज़मीन के रेकार्ड पर अतिक्रमणकारी है, अगर किसी उम्मीदवार ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया है तो उसकी उम्मीदवारी रद्द की जा सकती है ऐसा नियमों मे प्रावधान है.A closer look at the candidates to eliminate each other from the election!
        पिछले ऐसा ही एक मामला सामने आया था  कांग्रेस की ओर से एक भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ स्पोर्ट्स काम्पलेक्स की सरकारी ज़मीन पर निर्माण कार्य किए जाने की शिकायत दर्ज कराई गयी थी. उस समय यह मामला काफी चर्चित हुआ था.जिसकेंं बाद भाजपा उम्मीदवार ने वह अतिक्रमीत विवादित दिवार गिराकर उम्मीदवारी बचा ली. नियमों के मुताबीक अगर किसी उम्मीदवार के खिलाफ सरकारी या सार्वजनिक जगह पर अवैध निर्माण साबित हो जाता है तो उसकी उम्मीदवारी तुरंत रद्द की जा सकती है, इतना ही नही तो सरकार द्वारा निर्वाचित घोषित किए जाने के बाद भी जिला कलेक्टर के पास शिकायत दर्ज कराए जाने पर उसका निर्वाचन तथा प्राप्त पद से हटाने का भी अधिकार कलेक्टर को दिया गया है.
          शिकायत होने के डर से कुछ चर्चित उम्मीदवारों ने अपने जमीनी कागज पत्रों की जांच आरंभ कर दी है. अब साफ सुथरे छबी वाले उम्मीदवार ही नामांकन भरेंगे. जनता भी चाह रही है के राजकारण में और भी बहोत सारी गंदगी भरी हुई है उसे साफ करने के लिए और भी नियमो को बनाए ताकी गंदी निती, भ्रष्ट निती, सरकार को चुना लगाने,बैंको के लोन डुबा नेता बनने वाले, दुराचार करने,पदों पर रहकर पदों का दुरूपयोग करने वालों को भी ईन नियमों मे शामील किया जाए.ताकी स्वच्छ छबी वाले  उम्मीदवार ही न.प. ,जिला परिषद ,पंचायत, विधान सभा लोकसभा चुनाव मे खडे हो सके!
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