इस साल लगातार तीसरी बार आयी बाढ से साफ है कि शहर के नदी किनारे बसी बस्तियों में बाढ़ के कारण नागरिकों के हो रहे नुकसान के लिए भूमाफियाओं द्वारा नदी किनारे बसाए गए अनधिकृत ले आउट्स जिम्मेदार है.
इराई नदी के बैक वाटर के कारण महानगर के सिस्टर कॉलोनी, रहमत नगर, स्वावलंबी नगर, वड़गाव, जगन्नाथ बाबा नगर, बालाजी वार्ड ,Sister Colony, Rahmat Nagar, Swavalambi Nagar, Vadgaon, Jagannath Baba Nagar, Balaji Ward जैसे बस्तियों को इस मौसम में तीसरी बार बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ के कारण उपरोक्त बस्तियों में रहने वाले नागरिकों को अपूरणीय क्षति सहनी पड़ रही है.
इराई नदी के बैक वाटर के कारण महानगर के सिस्टर कॉलोनी, रहमत नगर, स्वावलंबी नगर, वड़गाव, जगन्नाथ बाबा नगर, बालाजी वार्ड ,Sister Colony, Rahmat Nagar, Swavalambi Nagar, Vadgaon, Jagannath Baba Nagar, Balaji Ward जैसे बस्तियों को इस मौसम में तीसरी बार बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ के कारण उपरोक्त बस्तियों में रहने वाले नागरिकों को अपूरणीय क्षति सहनी पड़ रही है.
यह सभीं इलाके निवास के लिए जोखिम भरे होने के कारण जिला प्रशासन और राज्य सरकार ने फ्लड लाइन ज़ोन घोषित कर वहां ले आउट्स तथा निर्माणकार्य के लिए अनुमति देना बंद कर दिया है.
जिले में वर्ष 2012 से पहले हर वर्ष इराई नदी को बाढ़ आती थी लेकिन उसके बाद बारिश के अभाव में जिले में पिछले 10 वर्ष से कभी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई थी, इस का ही फायदा उठाते हुए जिले में सक्रिय भूमाफियाओं ने नदी किनारे अनधिकृत ले आउट्स बनाये और सस्ती जमीन के लालच में लोगों ने इन ले आउट्स में प्लॉट्स खरीदकर वहां अनाधिकृत निर्माणकार्य करते हुए मकान खड़े कर लिए. इस बार वे सभी मकान बाढ़ की चपेट में आ गए है, जिससे न केवल निवासियों को आर्थिक नुकसान सहना पड़ रहा है बल्कि बाढ़ के पल पल बढ़ते खतरे के कारण मानसिक पीड़ाओं को भी सहना पड़ रहा है., उपरोक्त अनधिकृत ले आउट्स में लोगों को सिर्फ पांचसौ रुपये के स्टाम्प पेपर पर प्लॉट्स लिखकर जमीन बेची जा रही है, यह सरासर फर्जीवाड़ा है और गरीब लोग इस फर्जीवाड़े के शिकार बनते चले जा रहे है. जिन्होंने यह अनधिकृत ले आउट्स तैयार किये है, वे किसी न किसी राजनीतिक पार्टियों से संबंधित होने से नगर प्रशासन उनके खिलाफ कार्रवाई करने में साहस नहीं जुटा रहा है. यही वजह है कि इस गोरखधंधे में गरीब लोगों को बेवजह नुकसान उठाना पड़ रहा है. लोगों को हो रहे इस नुकसान के लिए जिस प्रमाण में अनधिकृत ले आउट्स का निर्माण करने वाले भूमाफिया जिम्मेदार है उसी प्रमाण में इस तरफ आंख मूंद कर देख रहा नगर प्रशासन जिम्मेदार है. उक्त सभी माफियाओं और नगर प्रशासन के लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का अब समय आ गया है.
जिले में वर्ष 2012 से पहले हर वर्ष इराई नदी को बाढ़ आती थी लेकिन उसके बाद बारिश के अभाव में जिले में पिछले 10 वर्ष से कभी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई थी, इस का ही फायदा उठाते हुए जिले में सक्रिय भूमाफियाओं ने नदी किनारे अनधिकृत ले आउट्स बनाये और सस्ती जमीन के लालच में लोगों ने इन ले आउट्स में प्लॉट्स खरीदकर वहां अनाधिकृत निर्माणकार्य करते हुए मकान खड़े कर लिए. इस बार वे सभी मकान बाढ़ की चपेट में आ गए है, जिससे न केवल निवासियों को आर्थिक नुकसान सहना पड़ रहा है बल्कि बाढ़ के पल पल बढ़ते खतरे के कारण मानसिक पीड़ाओं को भी सहना पड़ रहा है., उपरोक्त अनधिकृत ले आउट्स में लोगों को सिर्फ पांचसौ रुपये के स्टाम्प पेपर पर प्लॉट्स लिखकर जमीन बेची जा रही है, यह सरासर फर्जीवाड़ा है और गरीब लोग इस फर्जीवाड़े के शिकार बनते चले जा रहे है. जिन्होंने यह अनधिकृत ले आउट्स तैयार किये है, वे किसी न किसी राजनीतिक पार्टियों से संबंधित होने से नगर प्रशासन उनके खिलाफ कार्रवाई करने में साहस नहीं जुटा रहा है. यही वजह है कि इस गोरखधंधे में गरीब लोगों को बेवजह नुकसान उठाना पड़ रहा है. लोगों को हो रहे इस नुकसान के लिए जिस प्रमाण में अनधिकृत ले आउट्स का निर्माण करने वाले भूमाफिया जिम्मेदार है उसी प्रमाण में इस तरफ आंख मूंद कर देख रहा नगर प्रशासन जिम्मेदार है. उक्त सभी माफियाओं और नगर प्रशासन के लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का अब समय आ गया है.
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