चंद्रपुर :-1 अक्टूबर 2021 से मौजुदा सरकार द्वारा 41 आयुध निर्माणीयों का निगमीकरण कर 7 DPSU मे परीवर्तन कर निगमीकरण किया गया, जिसमे राष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रही सयुक्त संर्घष समिती ( ऑल इन्डिया डिफेन्स एम्पलाईज फेडरेशन, भारतीय मजदुर संघ एवं CDRA ) द्वारा पुरजोर विरोध किया गया एवं किया जा रहा है। आयुध निर्माणीयों को निगमीकरण परीवर्तीत कर कर्मचारीयों को डीम्ड डेपोटेशन पर रखा गया है। परन्तु कर्मचारीयों के सेवा शर्तों पर किसी भी प्रकार का भविष्य का विचार नही किया जा रहा है। आयुध निर्माणीयों के संघटनों एवं युनियनों को बिलकुल भी आयुध निर्मार्णायो का सरकार द्वारा लिया गया निर्णय मंजुर नहीं है।
आयुध निर्माणीयों को निगमीकरण मे परीवर्तन ०१ अक्टुबर २०२१ को किया गया जिसको पुर्ण १ वर्ष बित गया जिस उपलक्ष में आयुध निर्माणी निगमीकरण दिवस ०१ अक्टुबर २०२२ को आयुध निर्माणीयों में मनाया जा रहा है। उसी तर्ज पर आयुध निर्माणी चांदा मे भी ०१ अक्टुबर २०२२ को आयुध निर्माणी निगमीकरण दिवस मनाया जा रहा है। जिसका आयुध निर्माणी चांदा कि सशक्त युनियन लाल झंडा आर्डनन्स फॅक्टरी मजदूर युनियन चांदा (OFMU) सलग्न संख्या 69 सलग्न ऑल इन्डिया डिफेन्स एम्पलाईज फेडरेशन एवं उसके प्रतिनिधी शितल वालदे अध्यक्ष,गुलाब चौधरी महासचिव,रघु कुमार कार्याध्यक्ष, प्रकाश हरीदासन कार्यसमिती सचिव एवं राष्ट्रिय कार्यकारणी सदस्य (AIDEF), राम पुंडे कार्यसमिती सदस्य / JCM-4 सदस्य, प्रविन गेडाम, राकेश पवार, विवेक वाढई, विशाल नरड कार्यसमिती सदस्य, प्रशान्त पारोधे, रुपेश बोंडे JCM-4 सदस्य, युनियन के पदाधिकारी एवं आयुध निर्माणी चांदा के कर्मचारीयों ने निर्माणी प्रशासन द्वारा आयोजीत कार्यक्रम मे किसी भी प्रकार कि उपस्थिती दर्ज ना करते हुए एवं कार्यस्थल पर काले पिथे लगाकर पुरजोर विरोध दर्ज किया गया ।
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