चंद्रपुर:- Sri Ram Temple under construction in Ayodhya अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर के लिए जिले से जा रहे काष्ठ (सागौन )wood (teak) को धूमधाम से और भक्तिमय माहौल में रवाना किए जाने के उपलक्ष्य पर यहां निकलने वाली शोभायात्रा में देशभर से सैकड़ों कलाकार और महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के मंत्री भी शामिल होंगे. जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने एक पत्रपरिषद में यह जानकारी देते हुए बताया कि, शोभायात्रा का प्रारंभ बल्लारपुर के वन डिपो में काष्ठ पूजा के बाद शाम 4 बजे होगा, शोभायात्रा का दूसरा चरण चंद्रपुर के महाकाली मंदिर में शाम साढ़े छह बजे शुरू होगा.There will be a grand divine wood worship and procession ceremony
इस शोभायात्रा में देशभर से 1946 लोक कलाकार शामिल हो रहे है, जो अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे. शोभायात्रा में श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र में निर्माणाधीन राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष आचार्य आदि शामिल होगे.
उन्होंने बताया कि, इस शोभायात्रा में इस बार के गणतंत्र दिवस परेड में द्वितीय राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित महाराष्ट्र राज्य के चित्ररथ भी शामिल रहेगा. नई दिल्ली के परेड के लिए पहले इस चित्ररथ के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्रालय से राज्य के सांस्कृतिक मंत्रालय को अनुमति नहीं मिली थी, लेकिन उन्होंने जब केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से आग्रह किया था, तब कहीं उसे परेड में शामिल किया गया था और यह झांकी पुरस्कार प्राप्त कर गयी थी. इसी झांकी को अब जिले के नागरिक भी प्रत्यक्ष रूप से देख पाएंगे.
शोभायात्रा में तिरुपति तिरुमला देवस्थान ने भक्तों को प्रसाद वितरण के रूप में 15 हजार लड्डू वितरित करने का निर्णय लिया है, यह लड्डू लेकर वातानुकूलित वाहन मंगलवार को दोपहर को ही तिरुपति से चंद्रपुर के लिए रवाना हुए है. इस लड्डू का वितरण नागपुर मार्ग पर स्थित न्यू इंग्लिश स्कूल के मैदान पर किया जाएगा, इसके साथ ही वहां मसाला चावल भी वितरित किया जाएगा. शोभायात्रा में शामिल भाविकों के लिए मार्ग पर भी विभिन्न सेवाभावी संस्थाओं तथा मान्यवरों द्वारा शीतल पेयजल तथा प्रसाद वितरण का इंतजाम किया गया है.
अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के लिए चंद्रपुर और गडचिरोली से जो सागौन जा रहा है वह 1फिलहाल 1855 घन मीटर होगा, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने फिलहाल उतनी ही मांग रखी है, यह सागौन कई खेपों में रवाना होगा, पहली खेप 29 मार्च को जबकि अंतिम खेप मई माह में रवाना होगी. सभी लकड़े को मंदिर निर्माण में लगे विशेषज्ञों की टीम की सलाह पर काट कर भेजा जा रहा है.
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