चंद्रपुर : हिंदी भाषीय ब्राह्मण समाज की तरफ से 9 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुणवंत विद्यार्थियों के सत्कार कार्यक्रम का आयोजन, आयोजक मंडल द्वारा सरदार पटेल महाविद्यालय चंद्रपुर में किया गया।
अतिथियों के कर कमलों से दीप प्रज्वलन करके और सस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
अपने अतिथि वक्तव्य में के के मिश्रा क्लासेस नागपुर के अध्यक्ष श्री कमलेश मिश्र जी ने कहा कि शिक्षा, संस्कार एवं संयम के आधार पर ही सफलता को प्राप्त किया जा सकता है. विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की शुभकामना देते हुए विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।
हिंदी ब्राम्हण समाज के मार्गदर्शक और आयोजक डॉ. श्री कीर्तिवर्धन दीक्षित जी ने अपने भाषण में कहा कि ब्राम्हण शिक्षा के बिना प्रगति नहीं कर सकता,और शिक्षा के साथ प्रेम और संस्कार देने का कार्य माता और पिता का होता है।
संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ के प्र- कुलगुरु डॉ. विजय कुमार चौबे जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि ब्राम्हण समाज यदि संगठित होकर समर्पित भाव से समाज के लिये कार्य करे तो उसे सर्वोच्च स्थान पर जाने से कोई रोक नहीं सकता। इतना ही नहीं समाज की समस्या का समाधान ब्राह्मण समाज ही कर सकता है।
शिक्षित व्यक्ति समाज को आगे ले जाने का कार्य करता है। श्री चौबे जी ने गुणवंत विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए विद्यार्थियों से कहा कि मानव मूल्य की पहचान तभी होती है जब आप समाज में योगदान देते है अभी तो आप ने प्रतिभा हासिल की है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष और जय महाकाली संस्था के संस्थापक श्री शंकर प्रसाद अग्निहोत्री जी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि ब्राम्हण शक्ति का इकट्ठा होना समाज के लिए हितकारी है।ब्राम्हण हमेशा देने का कार्य करता है।बच्चों को आगे बढ़ाना है तो शिक्षा, दीक्षा, प्रशिक्षा,समीक्षा, प्रज्ञा,मेघा का होना आवश्यक है और जब lयह स्थापित हो जाती है तो सरस्वती हमारे मुख में विराजमान हो जाती है,और ऐसे में ब्राह्मण के द्वारा दिया गया आशीर्वाद निरर्थक नही जाता। यही ब्राम्हण की तप शक्ति है। इस तप शक्ति को प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों में प्रारंभ से ही शिक्षा और संस्कार सर्व प्रथम घर से ही उनके माता पिता के द्वारा दी जानी चाहिए। यदि ब्राह्मण अपने अहंकारका परित्याग कर दे तो ब्राम्ह्मण के संगठन को कोई तोड़ नहीं सकता।
उन्होंने चंद्रपुर हिंदी ब्राम्हण समाज के द्वारा किए जाने वाले रचनात्मक कार्य तथा शिक्षा के क्षेत्र में कार्य के लिए प्रतिवर्ष 51000/- र. दान स्वरुप देने का संकल्प लिया।
श्री मुकुंद दुबे जी ने अपने अतिथि भाषण में कहा कि ब्राह्मण समाज को धन के पीछे नही भागना चाहिए अच्छी सोच और अच्छे विचार हमारे पास है तो दुनिया की कोई भी ताकत ब्राम्हण समाज को आगे बढ़ने से रोक नही सकती । उन्होंने भी हिंदी भाषी ब्राम्हण समाज के लिए प्रति वर्ष 51000/- रु की राशि का सहयोग करने की घोषणा की।
कार्यक्रम के सत्कार मूर्ति श्री संजय मंगलप्रसाद मिश्रा जी मुख्य महाप्रबंधक वेकोली (खनन ) ने अपने भाषण में गुणवंत विद्यार्थियों को शुभकामना देते हुए हिन्दी ब्राह्मण समाज के विभिन्न उपक्रम के लिए 51 हजार रु देने की घोषणा की।
व्यासपीठ पर विराजमान हिंदी ब्राम्हण समाज के वरिष्ठ सम्मानित सदस्य राष्ट्रपति पुरस्कार और राष्ट्रपती पोलीस पुरस्कार से दो बार सम्मानित श्री विनोद कुमार तिवारी जी के द्वारा हिंदी ब्राम्हण समाज को एक साथ एक मंच पर लाकर आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
साथ ही सत्कारित विद्यार्थियों को स्व. गयाचरण त्रिवेदी तथा स्व. अनिल महाराज त्रिवेदी की स्मृति में श्री. सतीश गयाचरण त्रिवेदी जी (मन्ना महाराज), अध्यक्ष, जय दुर्गा माता शक्तिपीठ, चंद्रपुर द्वारा स्मृति चिन्ह प्रायोजित किए गए.
कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री शंकर प्रसाद अग्निहोत्री जी के द्वारा न्यू इंग्लिश हाई स्कूल पांढरकवाड़ा चंद्रपुर की नव नियुक्त प्राचार्य डॉ. अपर्णा शैलेंद्र शुक्ला और मुख्य महाप्रबंधक श्री संजय मिश्रा जी का शाल श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर सत्कार किया। साथ ही हिंदी ब्राम्हण समाज के 100 से भी अधिक विद्यार्थियों का स्मृति चिन्ह और प्रमाणपत्र देकर स्वागत सत्कार किया गया।
आयोजन को सफल बनाने में आयोजक मंडल, हिंदी ब्राह्मण समाज के सभी कार्यकर्ताओं का योगदान रहा।
कार्यक्रम का प्रस्तावित भाषण श्री मनीष तिवारी जी और मंच संचालन सौ. मेघा शैलेंद्र शुक्ला और सौ. भारती संजय मिश्रा ने किया तथा आभार प्रदर्शन श्री रुपेश शुक्ला जी के द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगीत के साथ हुआ।
इस कार्यक्रम हेतु चंद्रपुर तथा आसपास के हिन्दी ब्राह्मण समाज के गणमान्य, बुजुर्ग, युवा तथा बच्चे बड़ी संख्या मे उपस्थित थे.
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