चंद्रपुर : जिले में ही नहीं बल्कि राज्य के नगर पालिकाओं को शर्मसार करने वाली खूबसूरत इमारत 9 करोड़ 99 लाख रुपए खर्च कर सर्व सुविधायुक्त बनाई गई है. कहां जाता है की, मंत्रालय की इमारत जैसी पोंभूर्णा की नगर पंचायत व्हाईट हाउस के नाम से प्रसिद्ध है. इस इमारत को 'प्लास्टर ऑफ पेरिस-पीओपी' से ढका हुआ था. यह पीओपी भारी बारिश और तूफानी हवाओं के कारण ढह गया. ऐसे में आंधी, तूफान, आंधी, बारिश, भीषण गर्मी, हवा आदि के आधार पर नगर पंचायत कार्यालय भवन के पर्यावरण अनुकूल निर्माण का प्रशासन का दावा फेल हो गया है.
सभी सुविधाओं से सुसज्जित और भव्य नई इमारत व्हाइट हाउस का उद्घाटन 2019 में वन मंत्री और जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने किया था. मुख्य सावित्रीबाई फुले चौक पर स्थित एवं सभी सुविधाओं से सुसज्जित इस भवन का निर्माण 9 करोड़ 99 लाख रुपये की लागत से किया गया है. तेज हवा के साथ हुई बारिश के कारण नगर पंचायत कार्यालय के सभागार की छत गिर गयी. इस बारिश से नगर पंचायत कार्यालय की छत का पीओपी कवरिंग गिर गया. इससे कार्यालय का काम प्रभावित हुआ. सौभाग्य से जिस वक्त सभागार का पीओपी छत गिरा, उस वक्त वहां कोई नहीं था, इसलिए कोई अप्रिय घटना नहीं घटी. नहीं तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी. नगरपंचायत के नए भवन के निर्माण कार्य में जुटी कार्यपालक व्यवस्था के अनुसार पंचायत कार्यालय लोक निर्माण विभाग के अधीन है, उक्त कार्य (पीडब्ल्यूडी) द्वारा कराया गया था. भव्य भवन के रूप में ख्याति प्राप्त एवं जल्दबाजी में बनाये गये भवन की छत घटिया एवं गुणवत्तापूर्ण नहीं है. इमारत की छत ढह गई है. इतना ही नहीं बल्कि इमारत की छत से रिसाव होने लगा है, इससे व्हाइट हाउस की पोल खुल गई है.
इस इमारत में मौके पर काम करने वाले कर्मचारियों की जान खतरे में है. और निर्माण तंत्र और ठेकेदार के फर्जी काम के कारण यह घटना घटी है. इस संबंध में नगर पंचायत प्रशासन इतनी गंभीर घटना के बावजूद पीडब्ल्यूडी विभाग की विफलता पर कई संदेह जता नहीं रहा है. विपक्ष के नेता आशीष कवटवार ने मांग की है कि इमारत की छत गिरने के मामले की जांच की जानी चाहिए और दोषी ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
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