मुल / नासीर खान :-आज के दौर में आजा़दी उनको मिली है जिन्हे कानुन का डर नही बस उन्हे पैसा चाहिए और जिनके पास पैसा है उन मे कुछ ऐसे हैं जो घर बैठे अपराधियों से अपराध करवाते है जबके जघन्य अपराध करने वालों तथा बे वजह मरने वालों के बिच कोई मामला नही होता कोई लेन देन नही होता ना ही कोई विवाद होता है फिर भी हत्या जैसी घटनाएं आए दिन हमारे देश में होती रहती है . सरकार द्वारा जहां कडा कानुन बनाया जाना चाहिए वहां नही बनाया जाता जहां आवश्यक नही वहां कडा कानुन जनता पर थोप दिया जाता है .Increasing incidents: When will there be law under the protection of lawyers?
हाल ही में अहमद नगर जिले की तहसिल राहुरी कोर्ट मे कार्यरत अड .राजाराम आढाव और मनिषा आढाव दाम्पत्य को पथ्थर बांधकर एक कुएं में फेक दिया गया . अब यह दिल दहला देने वाली वारदात का निषेध पुरे देश में जारी है और हर तरफ से यही एक आवाज़ उठ रही है के अधिवक्ता संरक्षण कानुन लागु किया जाए . ईसी कडी मे मुल कोर्ट तालुका बार अशोशियन ने भी अधिवक्ता दाम्पत्य के साथ घटीत संगिन अपराध में शामील अपराधियों पर कडी कारवाई अपनाए जाने एंव सि बी आई जांच की मांग करते हुए वकील संरक्षण कायदा तत्काल लाए जाने की मांग से प्रेरित ज्ञापन महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री शिंदे के नाम मुल तहसिलदार डा. रविंद्र होली को सौंपा गया .
तहसिलदार डा. रविंद्र होली को ज्ञापन देते समय मुल कोर्ट बार अशोशियन के सचिव एड .स्नेहल भडके , एड. दाऊद शेख , एड .विलास जांगडे , एड . प्रणव वैरागडे ,एड आझाद नागोसे , एड . सागर मुद्दमवार , एड. शिला चुदरी एवं एड . प्रितम नागापुरे उपस्थित थे
तो निर्भयता के साथ सच कोर्ट के सामने रख न्याय दिलाना मुश्किल हो जाएगा !
हम हर किसी को न्याय दिलाने के लिए कानुनी लढाई लढते है ऐसे मे हम अधिवक्ताओं पर हमले होते रहे तो निर्भयता के साथ सच को कोर्ट के सामने रख न्याय दिलाना मुश्किल हो जाएगा .अधिवक्ताओं पर हमले बढ गये हैं ईसे रोकने के लिए अधिवक्ता संरक्षण कानुन तत्काल लाया जाना चाहिए और उस पर कडाई से अमल भी होना चाहिए . एड .आढाव और मनिषा आढाव दंपत्ति के साथ जो भी हुवा वह निंदणिय है साथ ही चिंतनिय भी है . ईस घटना की जांच सि . बी .आय द्वारा कि जानी चाहिए ताकी सच सामने आ सके के पर्दे के पिछे जो असल अपराधी है वे कौन है और उन पर कडी कारवाई हो
सके , अगर ऐसा होता है तो निश्चित ही अधिवक्ताओं पर हो रहे हमलों मे कमी आ सकती है अंकुश लगाया जा सकता है .
--- एड . स्नेहल भडके
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