मुल / संवाददाता:-पिछले 40 वर्षों से कब्रस्तान की मांग कर रहे मुल के ख्रिस्ती समाज को अब तक दफन विधी के लिए जगह का आबंटीत ना किया जाना दर्शा रहा है की ख्रिस्ती होना कितना बडा जुर्म है. समानता और विकास का ढिंडोरा पिटने वालो को मानवता के दृष्टीकोन से यह नज़र क्यों नही आता के मुल में मरने वाले ख्रिस्ती समाज के व्यक्ति को दफन विधी के लिए चंद्रपुर अथवा ब्रम्हपुरी ले जाना पडता है.
Neither in Congress rule nor in BJP rule, the Christian community has not got even two yards of land to bury their coffins.
उमा नदी किनारे स्थित शमशान घाट से लग कर सरकारी जगह हैं जिस पर किसी ने अतिक्रमण कर व्यवसाय शुरू कर रखा है वह जगह ख्रिस्ती समाज के कब्रिस्तान के लिए दी जाने की मांग के बाद भी वह जगह देने पर ना नगर परिषद ना तहसिल कार्यालय ना एसडीएम ना कलेक्टर कोई भी ध्यान नही दे रहा है. लगता है अधिकारीयों से सांठगांठ के चलते ही एक बडी सरकारी जगह पर अतिक्रमण कर उसे हडपने के पिछे कि सी बडे भूमाफिया का हाथ है. शासन प्रशासन चाहे तो शमशानघाट से सटी उस जगह से एक ही दिन मे अतिक्रमण हटा सकता है और ख्रिस्ती समाज को यह जगह दफन विधी के लिए दे सकता हैं.
40 वर्ष पुरानी मांग को लेकर ख्रिस्ती समाज अब अनोखे आंदोलन पर उतर आया हैं.आने वाली 7 आक्तुबर तक ख्रिस्ती कब्रिस्तान के लिए जगह आबंटीत ना किए जाने पर दफन पेटी याने की ताबुत के साथ विशाल मोर्चा निकाला जाएगा जो शहर के मुख्य मार्गों से होता हुआ तहसिल कार्यालय पहुंचेगा और जब तक मांग पुरी नही होगी समाज ताबुत वहां से नही हटाएगा.ईस अनोखे आंदोलन के लिए चंद्रपुर से ही नही तो अन्य जिलों से प्रांतो से ख्रिस्ती समाज के लोग मुल पहुंचेगे ऐसी जानकारी ख्रिस्ती समाज मुल के डा. अज़िम, अड. अश्विन ने पत्रकार परिषद मे देते हुए उम्मीद जतायी है के अन्य समाज के लोग भी हमारे आंदोलन के समर्थन मे हमारे साथ रहेेंगे.आंदोलन कानुन के दायरे में होगा और शांततापुर्ण होगा.
40 वर्षों से मुल में रह रहे ख्रिस्ती समाज को शासन प्रशासन की ओर से कब्रिस्तान के लिए अब तक जगह ना दिया यह शर्मनाक अन्याय है. अपनी जायज़ और अधिकारीक मांग को लेकर ख्रिस्ती समाज द्वारा किये जाने वाले अंदोलन का समर्थन हर समाज की ओर से किया जाना चाहिये.
-------- नासिर खान.
सामाजिक कार्यकर्ता एंवम पुर्व अध्यक्ष जामा मस्जिद मुल.
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