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कैमरे नही : करोडों के बस स्थानक में चोर उचक्को का डेरा

मुल/ नासीर खान:- बे रोजगारी महंंगाई के चलते हो रहे है अपराधिक व्यवसाय, चोर उचक्को की नजर बिना कैमरे वाले भिडभाड वाले स्थानो पर लगी रहती है. बस स्थानक मुल जो करोडो की लागत से सरकारी खजाने से बनाया गया है महामंडल हर काम सरकार के पैसों से कराना चाहता है. ईतने बडे बस स्थानक पर वह रात चौकीदार भी नियुक्त नही करता. रात के उजियाले में हल्टींग बसों से डिझल चोरी हो जाता है जिसकी रिपोर्ट नही होती है. डिझेल चोरी हो जाए तो महामंडल चालक को ही दोषी ठहराता है. वैसे भी चालक का काम बस मे सोना नही है उनके आराम के लिए रेस्ट हाउस होते है और वे चौकीदार भी नही है.करोडो के बस स्थानक पर बस स्थानक परिसर मे रहे सामान तथा बसों की सुरक्षा के लिए चौकीदार नियुक्त किया जाना अती आवश्यक है लेकीन एसटी महामंडल चौकीदार भी नही रख पाता डिजल और अन्य सामान भले ही चोरी हो जाए उसे कोई फर्क नही पडता. डिजल चोरी हो जाने पर चालक डिजल अपने पैसों से भर देता क्योंके वह जानता है के महामंडल उसे ही दोषी ठहराएगा आरोप पत्र देगा, टेंशन बढाएगा और अंत मे ईन्क्रिमेंट खा जाएगा् ईसलिए वह अपने आपको जिममेदार समझता है और चोरी गया डिझल अपनी जेब से भर देता है जब की बस स्थानक में रहे हर सामान और बसों की यात्रीयों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी महामंडल की है.
No cameras: Bus station worth crores is a den of thieves and pickpockets
हाल ही में दिनांक 26 /11 को एक वृध्द महीला तुलसा बाई सोमाजी दुधबले उम्र 75 अपने गांव सुशी दाब गांव से मुल आई थी.धान बिक्री के अठरा हज़ार रूपये बैंक खाते मे जमा कर अपने गांव लौटने के लिए मुल बस स्थानक पर लगभग 1बजे पहुंची थी, बस के ईंतेजार में बैठी रही बस स्थानक में काफी भिड थी बस के चक्कर मे वह हर आने वाली बस की तरफ जाती रही और आकर अपनी जगह बैठती रही, ईसी बिच उसके गले मे रही पुरातन सोने की गोफ किसने कैसे उडाई उसे पता ही नही चला. जब उसने गले पर हाथ फेरा तब उसे झटका लगा और वह रोने पिटने लग गयी. पुलिस मे वारदात की रिपोर्ट दर्ज कराई गयी है जांच चल रही है .
ईस घटना के बाद यात्रियों के बिच चर्चा मे बस यही एक चर्चा होती रही के हर प्लैट फार्म तथा परिसर में सीसी टीवी कैमरे महामंडल द्वारा लगाए जाने चाहीए थे लेकीन करोडो के बस्थानक में कैमरे लगाने की हैसियत भी महामंडल की नही है यह आश्चर्य की बात है. अगर कैमरे लगे होते तो दो तोले की गोफ उडाने वाले पुलिस के शिकंजे में होते. रात मे बसों से डिजल चोरी की घटनाए तथा कैंटीन परिसर में लगी स्टील बेंचो पर प्रेमि दस्तों की कलाबाज़ी,शराबीयो की सजने वाली महफिलें और देर रात होने वाली जिस्म फरोशी पर कैमरों से अंकुश लगाया जा सकता था.लेकीन यह सब सरकार ही को करना चाहीए तो फीर एस टी महामंडल की तिजोरी में रोजाना आने वाले करोडो रूपये जाते कहां हैं? यह सवाल जनता के बिच बार बार उठता रहता है.जनता मांग कर रही है की यात्रीयों की हर तरह से सुरक्षा के लिए बस स्थानक परिसर में एसटी महामंडल द्वारा सिसी टिवी कैमरे अविलंब लगाए जाने चाहिए!

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About The Chandrapur Times

यह पोर्टल संपादक, मालिक, प्रकाशक राजेश सनमाहेन सोलापनद्वारा कार्यालय साप्ताहिक दि चंद्रपुर टाइम्स, आक्केवार वाडी, वॉर्ड नं. १, चंद्रपुर, से प्रकाशित किया गया है । प्रकाशित किसी भी लेखन सामग्री पर संपादक सहमत ही हो यह आवश्यक नही । प्रकाशित कि सी भी लेखनपर आपत्ती हाने पर उनका निस्तारण सूचना प्रौद्योगिकी (प्लेटफ़ॉर्म दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) विनियम 2021 के तहत किया जायेगा ।

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