मुल / नासीर खान :-
रेल्वे गेट से लेकर नदी तक विद्युत पोल लगाए गये है. जिससे संध्या से लेकर सुबह छह बजे तक शहर से गुज़रने वाला हायवे जगमगाता रहता था लेकीन वही हायवे कही अंधेरे तो कहीं उजियाले का एहसास कराता रहता है .अनेको पोल पर कहीं एक लाईट बंद है कहीं दोनों तरफ के बंद पडे हुए है. महीनो बित गये यही हालत बनी हुई है.!!! A new government is going to come to power in the original Municipal Council!!!
कहा जाता है की नगर परिषद अंदर से पुरी तरह खोकली हो चूकी है. अनेकों के बिल न.प. द्वारा दिए नही गये. बिलों के लिए चक्कर लगाते लगाते लोगों की चप्पलें घिस गयी हैं. नगर परिषद में अनेको मुख्यअधिकारी आए और झटपट अपना ट्रांस्फर करवा कर चले गये.वह इसलिए के वे कहीं पागल ना हो जाए. जो आता है वह जल्द से जल्द यहां से अपने ट्रांसफर के जुगाड में लगा रहता हैं.
वर्तमान में संदीप दोडे मुख्य अधिकारी है जिनके तरफ सावली नगर पंचायत का भी चार्ज है. जिनके नगर परिषद से बाहर जाते ही कर्मचारी टेबल से गायब हो जाते है नगर परिषद सुनी सुनी दिखाई देती है, कुछ ईमानदारी से अपने टेबल पर बने रहते है. लगता है के मुख्य अधिकारी संदीप दोडे भी अपने ट्रांसफर के जुगाड में है क्यों के तिजोरी खाली होने से वे भी परेशान नज़र आते है. अब नये सत्ता के हकदार आएंगे जिन्होंने लाखों खर्च कर चुनाव लडा है शायद वह भी खाली तिजोरी से परेशान रहेंगे. कोई अपना घर जला कर रौशनी करने वाला तो नही है. अभी तो उन्ही के वांधे होने वाले है जिन्होंने अपने चुनाव पर लाखों खर्च किए है.लगता है पांच साल में वे अपना मुद्दल भी निकाल नही पाएंगे कमाई तो दुर ही रही.
आखीर सवाल यह उठ रहा है के जिस नगर परिषद के पास बंद स्ट्रिट एल ए डी खरिदने, दुरूस्ती करने के लिए पैसे नही, उस नगर परिषद का आगे क्या हाल होगा जब नगर परिषद की तिजोरी खाली हो. पथ दियों के लिए कुछ ऐसा किया जा सकता है एक पोल पर जहां दो स्ट्रिट एल ए डी लगे है वहां एक रखा जाए दुसरा निकाल कर जहां अधेरा हैं वहां लगा दिया जाए हर पोल जगमगाता रहेगा कही अंधेरा तो नही रहेगा और बिजली बिल भी कम आएगा. यह सुझाव एक सामान्य नागरीक का है नगर परिषद विद्युत विभाग के लिए !
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