मुल/नासीर खान :- विकास के नाम पर जनता के सेवक कहलाने वालों ने ने सरकारी तिजोरी मे रहे जनता के पैसों से अनेको आधे अधूरे निर्माण तथा अनावश्यक कार्यों पर अमाप पैसा बर्बाद किया है जिससे जनता को कोई लाभ नही पहुंचा.
In the name of development, public money is being wasted from the government treasury: Unnecessary open gyms are lying in the garbage
जगह जगह अनावश्यक करोडों के लागत से बनी सरकारी ईमारते खडी दिखाई देती है जिसके उद्घाटन पर लाखों खर्च हो जाते हैं वह ईमारते आज भी आधी अधुरी और विरान पडी है जिनका कोई ईस्तेमाल नही है.यह किसी एक प्रदेश की या जिले की बात नही है पुरे देश में अपने अपने जिले का निजी सर्वे अनावश्यक सरकारी खर्च को लेकर किया जाए तो यह सामने आएगा के जनता के पैसो की लुट किसने कितनी की है और अनावश्यक खर्च कितना किया गया है, यहां एक सवाल उठता है के क्या बलिदानीयों द्वारा अंग्रेज़ों को इस देश से खदेडने का यही मकसद था ?
मुल तहसिल के छोटे से ग्राम भेजगांव मे खुला जिम बनाया गया.ऐसे खुले जिम तहसिल मे हर कहीं नज़र आएंगे जिनका कोई ईस्तेमाल नही है कचरे में पडे है. जिले मे ऐसी अनेको ईमारतो के अनावश्यक निर्माण कार्य भी देखने को मिल सकते है.जनता का पैसा कचरे में पडा है. निर्माण कार्यों और अनावश्यक खर्चों से प्राप्त कमिशनो से अपनी तिजोरी किस किस ने भरी है यह जाना जा सकता है. भेजगांव मे ऐसे ही अनावश्यक ओपन जिम का नज़ारा अपनी आंखों से देखा जा सकता है जिसे कैमरे में कैद किया हैं भेजगांव निवासी जागृत युवा किसान शशिकांत गणवीर ने.
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