मुल/नासीर खान :-मुल तहसिल अंतर्गत आने वाले ग्राम चितेगांव मे भाजी पाले की फसल को पानी दे रहे किसान पर बाघ ने हमला कर ढेर कर दिया.पिता अपनी बुढी आंखो से यह सब कुछ देखता रहा.
बाघ के हमले मे मारे जाने वाले किसान का नाम शेषराज पांडुरंग नागोसे उम्र 38 साल अपने बुढे पिता ,माता, पत्नी और छोटी दो बच्चियों को छोड परलोक सिधार गया. सरकार के लाडले पालतु बाघों के आए दिन हमलों ने दहशत फैलाने मे कोई कसर नही छोडी .सरकार द्वारा मानवो की हत्त्या करने वाले बाघों के बंदोबस्त नही किया जाना यही संकेत दे रहा है के सरकार बाघों की रक्षा हर हाल मे करेगी भले ही मानव कितने ही मारे जाए उसे कोई चिंता नही.
जानकारों के अनुसार बाघों का जंगल छोड कर मानवो के ईलाके में आना यही दर्शा रहा है के जंगल मे बाघों की संख्या आवश्यक्ता से अधिक है या फीर यह भी हो सकता है की बाघों से सरकार पैसा तो कमा रही है लेकीन बाघों को भरपेट भोजन देने में कंजुसी कर रही है . सरकार बाघों को पालकर पर्यटकों से पैसा कमा रही है एक तरह सरकार बिजनेस कर रही हैं. आज खेत मे गया किसान शाम को वापस अपने परीवार लौटेगा ईसकी कोई गैरंटी नही है.फिर भी जनता वोट दे कर अपना फर्ज़ निभा रही है.
सरकार ने अमुल्य मानव प्राणों की किमत पांच लाख ठहरा दी है जिसके तहत फारेस्ट अधिकारीयोंने घटना स्थल पहुंच कर मृतक के परिवार को तत्काल 50,000/- सहायता राशी देकर अपना कानुनी फर्ज निभाया है वहीं सरकार जनता की नज़र मे बाघों से मानवो की सुरक्षा में पुरी तरह असफल साबीत हो रही है.
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