सादिक थैम वरोरा:शहर और ग्रामीण इलाकों में अवैध शराब का धंधा खुलेआम फल-फूल रहा है। महंगी लाइसेंसी शराब की तुलना में सस्ती कीमत पर मिलने वाली नकली और अवैध शराब लोगों को आकर्षित कर रही है। हैरानी की बात यह है कि यह सब आबकारी विभाग और पुलिस की नाक के नीचे हो रहा है, लेकिन कार्रवाई न के बराबर है।
Illegal liquor sale is rampant in cities and villages
स्थानीय लोगों का कहना है कि कई गांवों और शहर के बाहरी इलाकों में खुलेआम अवैध शराब बेची जा रही है। माढेली, नागरी, शेगाँव इलाकों में तो शराब बनाने के अड्डे भी सक्रिय हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस कारोबार में कुछ प्रभावशाली लोग और माफिया शामिल हैं, जिनकी पहुंच प्रशासन तक है।
स्वास्थ्य और जान का खतरा
पिछले कुछ महीनों में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत और बीमार होने की घटनाएं सामने आई हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी शराब में मिलाए जाने वाले केमिकल से लिवर, किडनी और आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचता है।
राजस्व को नुकसान, अपराध को बढ़ावा
अवैध शराब की बिक्री से सरकार को करोड़ों का राजस्व नुकसान हो रहा है। वहीं, इस धंधे से जुड़े अपराधियों के कारण कानून-व्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है।
वरोरा शहर में सुबह से देर रात तक दुपहिया वाहनों से अवैध शराब मोहल्लों और बस्तियों में चोरी-छिपे शराब की ढुलाई, वितरण और बिक्री के लिए अवैध नेटवर्क बन चुके हैं।
जनता में आक्रोश, कार्रवाई की मांग
लोगों में प्रशासन के खिलाफ नाराजगी बढ़ती जा रही है। स्थानीय सामाजिक संगठनों ने आरोप लगाया है कि आबकारी विभाग की अनदेखी और भ्रष्टाचार के कारण यह कारोबार बढ़ रहा है। उन्होंने मांग की है कि अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाने के लिए कड़ी कार्रवाई हो और दोषियों पर सख्त सजा दी जाए।
आबकारी विभाग का बयान
इस मामले पर जब आबकारी विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया गया, तो उन्होंने जल्द ही छापेमारी और सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया। हालांकि, लोगों का कहना है कि ऐसे आश्वासन पहले भी दिए गए, लेकिन नतीजा सामने नहीं आया।
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