मूल / नासीर खान :रामलिला भवन परिसर मे यह सभा विधानसभा चुनाव का नज़ारा नही है बल्की यह नज़ारा मुल न.प. चुनाव को लेकर हुई जनसभा का है जिसमें सुधिर मुनगंटीवार अपने पार्टी का घोषणा पत्र जाहीर करते दिखाई दे रहे है. विकास प्रिय उमडी भिड का यह विहंगम दृष्य देख यह अंदाजा लगाया जा सकता है की बिजेपी पिछली बार की तरह ईस बार भी न.प. की ईमारत पर अपना झंडा फहराएगी विरोधी और उनके ठेकेदार समर्थक देखते रह जाएंगे.
न.प. चुनाव को लेकर रामलिला भवन परिसर मे भाजपा की सभा का विहंगम दृष्य.
The election seems to be taking place between "development versus contractor side".
The election seems to be taking place between "development versus contractor side".
विकास किसे कहते है यह सुधिर मुनगंटीवार ने करके दिखा दिया है. आज स्वार्थ के अंधे ठेकेदारों की टोली को विकास भले ही नज़र ना आ रहा हो लेकीन मुल की जनता को विकास अपनी आंखो से नज़र आ रहा है. एक बार किसी का रिश्तेदार बरसों बाद मूल मे आता है बस से उतर कर मूल की धरती पर कदम रखता है वह चारों तरफ नज़रे घुमाकर देखता है और आश्चर्यचकीत होकर आटो वाले से पुछता है के भाई यह मुल ही है ना ? हां साहब यह मूल ही है, तब वह आश्चर्य चकित अंदाज मे फिर पुछता है यहां का विधायक कौन है भाई और किस पार्टी का है ? तब जवाब मिलता हैं यहां के विधायक पुर्व मंत्री सुधिर मुनगंटीवार है और भाजपा के है.
किसी शहर से बरसों बाद मूल आने वाले को विकास दिखाई दे रहा है लेकीन सत्ता के भुखे और सावन के अंधो को विकास दिखाई नही दे रहा हैं. जब तक भाजपा का चष्मा पहने थे विकास ही विकास नज़र आता था अब कांग्रेस का चष्मा पहन कर पुछ रहे है कहां है किधर है विकास. अब ऐसे अंधो का ईलाज तो विकास पुरूष कहलाने वाले मुनगंटीवार की 21 आंकडो वाली टिम को जिता कर मुल के मतदाता ही कर सकते है. अब तो विकास प्रिय मतदाता भी कहने लगे हैं के ईस बार का चुनाव " विकास V ठेकेदार पक्ष " के बिच होता दिखाई दे रहा है.
मतदाताओं के बिच चल रही तुलनात्मक चर्चाओं में सुशिक्षित, सर्वगुण संम्पन्न किरण कापगते को नगराध़्यक्ष पद के लिए एक काबील उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है और माना जा रहा है के वह रबर स्टैम्प नही रहेंगी. उन्हे नगर परिषद में नगराध़्यक्ष की कुर्सी पर बैठने के बाद पती के सहारे और सलाह मश्वरे, सहायता की आवश्यक्ता नही पडेगी. जवबदारी निभाते हुए लिए जाने वाले निर्णय उनके अपने स्वयं के होंगें नगर परिषद तथा नगर वासियों के हित मे होंगे जनहित में होंगे, शहर के विकास के लिए वह मुंबई दिल्ली की सरकार से बहोत कुछ ला सकती है. वह शुरू से ही समाज कार्य, समाज सेवा और राजकारण मे , सामाजिक न्याय से संबधित आंदोलनो में तत्पर रही है. उन्हे नगर परिषद मे आकर ठेकेदारी और कमिशन खोरी नही करनी है ना होने देनी है. उन्हे विकास पुरूष कहलाने वाले पुर्व मंत्री तथा विधायक सुधिर मुनगंटीवार के साथ रहकर अपनी कार्यक्षमता के बलबुते नगर के विकास के लिए बहोत कुछ करना है. उन्हे नगराध्यक्ष की कुर्सी तक सिमीत ना रहकर राजकारण में आगे भी बढना है !
0 comments:
Post a Comment