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राजकारण एक व्यवसाय जहां दगाबाजी असंभव नही

मुल/नासिर खान :-विधान सभा चुनाव जैस जैसे करीब होते जा रहे है वैसे वैसे भावी उम्मीदवार उम्मीदवारी मिलने के लिए हर फंडा अपना रहे है और आला कमान को यह बताने का प्रयास कर रहे है की मै ही लायक हूं और टिकीट तो मुझे ही मिलना चाहीए और आला कमान यह चाह रहा है की उम्मीदवार ऐसा खडा किया जाए जो 15 साल के मंत्री से टकरा कर जित का कांग्रेसी झंडा गाड सके इतिहास रचा सके. अगर ऐसा उम्मीदवार कांग्रेस पार्टी को नही मिल पाता है या पार्टी के अंदर प्रतिभा धानोरकर और विजय वडेट्टीवार के बिच चल रहे अंतर कलह को देख कांग्रेस आलाकमान के पास अपना एक कदम‌ पिछे लेकर मुल पोंभुर्णा बल्लारपुर विधान सभा की सिट ईंडिया गठबंधन में शामील राष्ट्रवादी या शिवसेना को देने के अलावा कोई चारा ही नही बचता है, ऐसे मे राष्ट्रवादी का पलडा भारी रह सकता है और राष्ट्रवादी के झोली में मुल पोंभुर्णा बल्लारपुर विधान सभा आ सकती है ऐसा जानकारों का मानना है.
Politics is a business where cheating is not impossible
राष्ट्रवादी के झोली में अगर मुल पोंभूर्णा बल्लारपुर विधान सभा आती है तो शरद पवार अपने करीबी विश्वासु और वर्षों से सक्रीय कार्यकर्ता राजेंद्र वैद्य को अपना उम्मीदवार घोषित कर सकते है क्योंके यहां राष्ट्रवादी में किसी भी प्रकार का अंतरकलह नही है जिसके चलते उम्मीदवार के रुप मे राजेंद्र वैद्य का राष्ट्रवादी की ओर से चयन होना निश्चीत समझा जा रहा है. याद रहे राजेंद्र वैद्य भी कुणबी समाज से ही आते है. कहा जा रहा है की सुधिर मुनगंटीवार के खिलाफ यही एक व्यक्तीमत्व है जिसके नाम पर कुनबी लाबी लामबंद हो सकती है, एससी एसटी मुस्लीम भी बदलती फिज़ा के साथ हो सकते है, पिछले लोकसभा चुनाव में जो हुआ था वही सब कुछ विधान सभा में भी दोहराया जा सकता है. ईस समय : कुणबी लाबी जिधर जित उधर : ईसी फार्मुले के साथ विधान सभा में राजेन्द्र वैद्य को पुरे दमखम के साथ मैदान मे उतारा जा सकता है. राष्ट्रवादी मे कांग्रेस की तरह आटा कम फकीर ज़्यादा वाली कहावत लागू नही होती नज़र नही आती.

डा. अभिलाषा गावतुरे अभी अभी कांग्रेसी कहलाई है राजकारण के पुराने पन्नों पर उनका दुर दुर तक नाम नज़र नही आता. धानोरकर और वडेट्टीवार के बिच चल रहा मन -मुटाव, और जुबानी जंग शिखर पर है यह किसीसे छुपी नही हैं. हाल ही मे ब्रहपुरी मे संपन्न कुणबी समाज महाअधिवेशन मे सत्कार कार्यक्रम के दौरान धानोरकर द्वारा लगाई गयी एकमेव कुणबी वाली हुंकार ने स्पष्ट कर दिया है के ब्रम्हपुरी मे वडेट्टीवार के खिलाफ कुणबी लाबी सक्रीय हो सकती है.वक्त की नज़ाकत को समझते हुए वडेट्टीवार मजबूर होकर आलाकमान से यह कह सकते है की - अगर मेरा नही तो उसका भी नहीं - यह सिट राष्ट्रवादी या शिवसेना को दे दी जाए यह कहकर धानोरकर को असफलता के द्वार पर खडा कर यह जता सकते है की हम खिजाब लगाते जरूर है लेकीन हमने धूप में नही राजकारण में बाल पकाएं हैं. कांग्रेस आलाकमान वडेट्टीवार के ईस दो टुक सुझाव को पार्टी हित में समझते हुए विचार विमर्श कर राष्ट्रवादी के सुप्रिमों शरद पवार तथा शिवसेना के सुप्रिमों उद्धव ठाकरे से बात कर सकता है. शिवसेना सुप्रिमों बल्लारपुर शरद पवार को देकर पश्चिम से सिट मांग सकता है ईस तरह राष्ट्रवादी‌ के झोली मे बल्लारपुर विधानसभा पर ईंडिया की मुहर लग सकती है.
फिलहाल जनता के बिच मुल पोंभूर्णा बल्लारपुर से विपक्ष का कोई ऐसा चेहरा नही है जिसे जितने वाले उम्मीदवार के लायक कहा जा सके. प्रतिभा धानोरकर डा.अभिलाषा गावतुरे को टिकीट दिलाने का प्रयास कर रही हैं यह दिखावा है या हकीकत यह तो समय ही बताएगा जहां जनता की पैनी नज़र भी उन पर आकर ठहर गयी है अगर सही मे अभिलाषा गावतुरे को टिकीट प्राप्त कराने में धानोरकर सफल हो जाती हैं तो प्रचार के दौरान आलाकमान के कहने पर वडेट्टीवार गावतुरे के स्टेज पर नज़र आ सकते है लेकीन दिल से नही यह तो गावतुरे और धानोरकर भी अच्छे से समझ सकती है.
‌‌‌‌ कहा जाता है की 15 साल से मंत्री पद बैठे रहे सुधिर मुनगंटीवार कांग्रेस मे चल रहे अंतर कलह पर नज़र रखे हुए और अंदर ही अंदर गोटीयां फेंक रहे है क्यों के ऊन्हे हर हाल में टिकीट मिलना है और उन्हे हर हाल मे चुनाव जित कर भी आना है हारना नही है. गावतुरे उनके लिए भारी पड सकती है लेकीन राजकारण एक ऐसा व्यवसाय बन बैठा हैं जहां कभी भी दगाबाजी सौदे बाजी का व्यवहार हो सकता हैं राजनिती में भरोसे का आदमी ही कातील कहला सकता है क्योंके मुनगंटीवार हर हाल मे चुनाव जितने के लिए ही खडे रहेंगे. राजकारण और जंग मे सब जायज़ है वे कांग्रेस का कोई ऐसा उम्मीदवार ना चयन किया जाए जो उनके लिए हानीप्रद हो ईसके लिए वे साम दाम दंड भेद हर अस्त्र का उपयोग करने से नही चुकेंगे.
आगामी विधान सभा चुनाव मैदान में तो सत्तापक्ष और विपक्ष के उम्मिदवार ही रहेेंगे अन्य बहोत कम ही खडे रहेंग.चुनाव में हर भारतीय को खडे रहने का अधिकार प्राप्त है , फिर भी बंडखोरी करने की हिम्मत जुटा कर कोई अपने पैरों पर कुल्हाड मारना नही चाहे़गा जिसके चलते मुनगंटीवार v ईंडिया का जो भी उम्मिदवार रहेगा उसी के बिच घमासान चलेगा.असल खेला तो तब शुरू होगा जब अंतीम अधिकृत उम्मीदवार की घोषणा ईंडिया आला कमान द्वारा की जाएगी और दुखी आत्माएं ईधर से उधर दौडती भागती नज़र आएगी!

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About The Chandrapur Times

यह पोर्टल संपादक, मालिक, प्रकाशक राजेश सनमाहेन सोलापनद्वारा कार्यालय साप्ताहिक दि चंद्रपुर टाइम्स, आक्केवार वाडी, वॉर्ड नं. १, चंद्रपुर, से प्रकाशित किया गया है । प्रकाशित किसी भी लेखन सामग्री पर संपादक सहमत ही हो यह आवश्यक नही । प्रकाशित कि सी भी लेखनपर आपत्ती हाने पर उनका निस्तारण सूचना प्रौद्योगिकी (प्लेटफ़ॉर्म दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) विनियम 2021 के तहत किया जायेगा ।

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