मुल/ नासिर खान :-मुल की मुस्लीम महिला की शादी के 21 वे साल में तलाक का मामला सामने आया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार मुल निवासी मुस्लिम महिला यास्मिन जाहिद अंसारी ने पती और जेठ मुन्ना के खिलाफ राजुरा थाने मे रिपोर्ट देने पर दि.01/ 02/ 25 को राजुरा पुलीस ने एफ आई आर दर्ज किया है. पुलिस द्वारा आरोपियो को समाचार लिखने तक अटक नही हो पाई है.
ध्यान रहे की आगस्ट 2017 में भारतीय सुप्रिम कोर्ट ने तिन तलाक को संविधान के खिलाफ और मनमाना बताया था. सन 2019 में संसद में मुस्लिम महीला ( विवाह अधिकार संरक्षण ) अधिनियम संसद में पारीत किया गया था जिसके तहत तिन तलाक देना अपराध माना गया. जिसके लिए 3 वर्ष की सजा का प्रावधान है.
रिपोर्ट में पती, जेठ , ननंदो ,नंदोई, द्वारा कभी दहेज के लिए प्रताडित तो कभी पैसे लाने के लिए प्रताडित किया जाता रहा, रिपोर्ट मे तलाक देने और जान से मारने की धमकी का भी उल्लेख किया गया है. कहा जा रहा है की आरोपियों के खिलाफ राजुरा पुलीस क़ो रिपोर्ट होने पर पुलिस ने आरोपियों को काल कर राजुरा पुलिस स्टेशन बुलाया था लेकीन वे पुलिस के बुलाने पर भी राजुरा पुलिस स्टेशन नही पहुंचे, चर्चा है के अटक पुर्व जामीन के लिए चंद्रपुर कोर्ट के चक्कर लगाए जा रहे है.
तलाक प्रताडीत महिला यास्मिन का कहना है उसकी शादी 2004 में जाहिद उर्फ अश्शु अंसारी मुल से हुई थी, उसने लगातार 20 साल से अत्याचार सहे हैं अब वह कोर्ट के सामने हर जुल्म और जेठ मुन्ना अंसारी की बदनियती को उजागर करेगी और कोर्ट से न्याय मांगेगी. मेरे पती ने मुझे तलाक का नोटीस भी दिया है. मेरा एक बेटा भी है जो 19 साल का है नागपुर में पढ़ रहा है. जेठ की बदनियती मेरे तलाक का कारण बनी हुई है. जेठ मुन्न अंसारी ने अपनी प्रथम मुस्लिम बिवी को तलाक देकर दुसरे कौम की महीला से शादी की है उसने भी अपने 20,22 साल के लडके को अपने पास रख कर अपनी बिबी को तलाक दीया है. उस बेचारी के साथ भी ईस परिवार ने वही किया है जो मेरे साथ हुआ जा रहा है, तलाक की परंम्परा चलाई जा रही है. मै इस मामले मे जल्द ही पत्रकार परिषद लेने वाली हुं.
मै मोदी सरकार की शुक्रगुजार हुं की उन्होंने तलाक पिडीत मुस्लिम महिलाओ के लिए( विवाह अधिकार संरक्षण)अधिनियम पारीत किया है जो आज मुझ जैसी अनेको पिडित मुस्लिम महिलाओं के लिए काम आ रहा है -- यास्मीन जाहीद अंसारी, तलाक प्रताडीत महिला.
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