मुल /नासिर खान:- मुल उप जिला रूग्णालय मे डाक्टरों कमी तथा अन्य कर्मचारीयों की नियुक्ती जिला शल्य चिकित्सक द्वारा ना किए जाने के कारण मरीज़ों के ईलाज सही ढंग से नही हो पा रहे है. मरीजों को हो रही परेशानी और रेफर समस्या के कारण मुल उप जिला रूगणालय को जनचर्चा के बिच " रेफर अस्पताल " कहा जाने लगा है.
Mul Sub District Hospital known as Referral Hospital
केवल दो वैद्यकिय अधिकारी और दो कंत्राटी वैद्यकिय अधिकारी जिसमे एक को वैद्यकिय अधिक्षक का पदभार, ऐसी स्थिती में मुल में मरिज़ो के बेहाल होने के लिए जिला शल्य चिकित्सक को जिम्मेदार ठहराया जाना कही गलत नही होगा क्योंके डाक्टरों की तथा अन्य कर्मचारीयों की रिक्त जगह की पुर्ती करना जिला शल्य चिकित्सक के अधिन आता है. मुल उप ज़िला रूगणालय में दंत चिकित्सक नही है मरीज़ निज़ी अस्पतालों में जा रहे है.एक्सरे मशीन चालक नियमित नही है केवल बुधवार शुक्रवार, बिमार जरूरतमंदो को चंद्रपुर जाकर एक्सरे कराना पड रहा है,मशिन भी ऐसी की जिसकी एक्सरे कापी को जिले के निजी डाक्टर देखते ही फिर से एक्सरा कराने सलाह देते है. अस्थी तज्ञ डाक्टर नही है मरीज़ चंद्रपुर रेफर किए जा रहे है, स्री रोग तज्ञ,बघिरीकरण तज्ञ नही है, ईमर्जंसी प्रसुती की व्यवस्था नही है रेफर टु चंद्रपुर. सर्दी ज़ुकाम बुखार बस यही एक मात्र ईलाज और मलम पट्टी के लिए रह गया है अस्पताल. 50 बेड वाला यह अस्पताल अगर रेफर अस्पताल के नाम से प्रसिध्द हो रहा है तो ईसका श्रेय तो सिधे सिधे जिला शल्य चिकित्सक को ही जाता हैं.ऐसे जिला शल्य चिकित्सक का सत्कार मुख्यमंत्री फडणविस के हाथों होना चाहिए ऐसी मांग जनता के बिच की जाने लगी है!
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