मुल/ नासीर खान :- जन कल्याण सामाजिक संस्था मुल के सदस्यों द्वारा सह परिवार मातोश्री वृध्दाश्रम को दी गयी मुलाकात ने वृध्दाश्रम मे परिवार से दुर रहकर जिवणयापन कर रहे लोगों मे एक नयी उम्मीद जगाई है के हमारे बिच पहुंच कर स्नेह पुर्ण प्यार और खुशियां बांटने वाले लोग समाज में आज भी मौजुद है हम अकेले नही है.
मातोश्री वृध्दाश्रम में ऐसे लोग है जो ना चाहते हुए भी अपने परिवार से ना मिलने वाले मान सम्मान प्यार के अभाव के चलते परिवार से दुर रहकर वृध्दाश्रम को अपना अंतिम आश्रय स्थल मान कर जिवणयापन कर रहे है. मातोश्री वृध्दाश्रम जिसकी अध्यक्षा पुर्व मंत्री शोभाताई फडणवीस है जिस कारण सारी सुविधाओं से सुसज्जित यह वृध्दाश्रम बहुचर्चित है. ईस वृध्दाश्रम मे कुल 64 वृध्दजनो को आश्रय प्राप्त है.
वृध्दाश्रम आखिर वृध्दाश्रम ही होता है जहां हंसते खेलते परिवार का आनंद नही मिल पाता केवल भोजन,कपडे और दिनचर्या प्राप्त होती है उनकी दुनिया अब वृध्दाश्रम तक सिमित रहती है ऐसे में बाहरी समाज के लोग ईन के प्रती अपनी ज़िम्मेदारी समझने लग जाए तो इन्हे भी एक दिन के लिए ही सही पारिवारीक आनंद प्राप्त हो सकता है. शायद यही सामाजिक ज़िम्मेदारी निभाने का अल्प सा संकल्प लिए अंतर्मन से दु:खी वृध्दाओं के बिच जा कर आनंदमयी खुशीयां बांटने का काम जन कल्याण सामाजिक संस्था के अध्यक्ष राजु गेडाम ने किया है. उन की पुरूष व महिला टिम ने वृध्दा आश्रम जाकर उनको हंसने बोलने अपने दु:ख दर्द को साझा करने तथा साथ मे बैठकर हंसी मजाक भरी वार्तलाप का एंव साथ बैठ भोजन करने का अवसर देकर उन्हे आनंदीत किया है उनका और उनकी टीम का यह कदम समाज के लिए अवश्य ही प्रेरणादायी हो सकता है.
वृध्दा आश्रम को संस्था की ओर से दि गयी यादगार मुलाकात के अवसर पर संस्था की महिला मंडल ने उन वृध्दाओं को यह हिम्मत दिलाई है के आप अब अकेले नही है समाज आपके साथ है ईस संकल्प के तहत संस्था की ओर से सदस्य रवी वालके, बंडु अल्लीवार, अमोल वालके, गुरूदास थेरके, आशिष आकनुरवार, प्रिती वालके, शितल मेश्राम, अर्चना अल्लिवार, दिव्या वालके, माधुरी थेरकर, दिक्षा गेडाम, धनश्री दुधे आदी की ओर से सामाजिक दाईत्व को सफलतापुर्वक निभाने के लिए पुरा पुरा सहयोग प्राप्त रहा है !
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