मुल / नासिर खान :-
मुल में उत्सवों मे कोई उत्साह नज़र नही आ रहा है, लगातार बरसात ने उत्सवों को नरम कर दिया हैं. अभी कोई चुनाव भी नही है जो चंदों के बल बुते उत्साह लाया जा सके. अनुत्साह भरे माहोल मे उत्सव तो मनाना है भले ही मार्केट ठंडा हो शहर में जगह जगह गणेश जी अपने समय पर विराजमान हो चुके हैं. पेंडाल सजने लगे है रोशनाई होने लगी है लेकीन बडे से लेकर छोटे छोटे दुकानदार उदास दिखाई दे रहे है, मार्केट में कोई रौनक दिखाई नही दे रही है.
The rain has cooled down the festivities, the market is filled with gloom बस स्थानकों पर, एसटी बसों मे भिड देखी जा रही है. बसों की अनियमित्ता के चलते कोई बस खाली जा रही है तो कोई बस फुल भर कर जा रही है.एस टी बसों की कमी और अनियमित्ता नयी बात नही है खडे जाओ या बैठे जाओ,जैसे भी जाना है जाओ, खटारा बसे भले ही यात्रीयों के लिए असुविधा जनक हो लेकीन महामंडल की तिजोरी फुला रही है.महामंडल की निती ही कम और खटारा बसों से ज्यादा ईन्कम वाली है. कम बसे होगी तो ई -- बसों की ज्यादा की टिकीट खरीद कर यात्री यात्रा करने पर मजबुर होंगे ईसी निती के चलते ई -- बसें चलाई जा रही है. जबकी ई बसे बिना डिजल के चल रही है उसका किराया डिज़ल बसों से कम होना चाहिए, सेवा की आड में जनता को लुटने का काम किया जा रहा है. उत्सवों पर अगर कोई कमाई करता दिखाई दे रहा है तो वह है एसटी महामंडल.
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