मुल/ नासीर खान :-कम जगह मे चल रही राष्ट्रीयकृत बैंकों मे लाडली बहनों की के वाय सी तथा आधार लिंक के लिए भिड के चलते बैंकों के अन्य खातेदारों का किमती समय बर्बाद हो रहा है और लाईन में घंटों खडे रहना पड रहा है. ऐसे समय बैंको द्वारा एक काउंटर अलग से लाडली बहनो के लिए खोला जाना चाहीए था और लाडली बहना के लिए अलग से व्यवस्था दी जानी चाहीए थी लेकीन किसी भी बैंक ने योजना वाले ग्रहकों के लिए अलग से ऐसी कोई व्यवस्था नही दी जिससे व्यापारी और आम आदमी को जिनका लाडली बहना योजना से कोई सरोकार नही घंटो लाईन में खडे रहना पड रहा है. कहा जाता है की सत्ता में बैठे लोग ईन योजनाओं के माध्यम से विधान सभा चुनाव जितना चाहते हैं और फिर से सत्ता पर आसीन होना चाहते है, अवश्य चुनाव जिते फिर से सत्ता मे वापसी करे किसी को कोई एतराज नही होगी ना ही होना चाहीए लेकीन ईसके लिए आम आदमी और व्यवसाईयों को क्योंकर घंटो लाईन मे खडे रहने की सजा दी जा रही है, जनता के बिच उठता यह सवाल गलत भी तो नही है.
सेतू मे जाओ वहां गर्दी, बैंको मे बंद खाते शुरू करने हेतु के वाय सी के लिए गर्दी, लाडली बहना के फार्म भरे अनेकों के खाते मे तिन तिन हजार आए वे बहोत ही खुश नज़र आए,सन त्योहार के मौके पर तिन हजार बहोत कुछ मायने रखते है.जिन लोगों को मैसेज नही आए वे पुछताछ करने बैंक पहुंचते है उनकी भिड अलग बनी रहती है.
जो भी हो विधान सभा संपन्न होने तक हर लाभार्थी के घर पैसा और आनंद बना रहेगा,52 बर्तन,सिलाई मशीन बहनो को मिलने वाली है. चुनाव पुर्व और भी योजनाए गरीबों के लिए आ सकती है बस कागज पत्रों की झेराक्स का सेट पंच करके रखना जरूरी है, पता नही जाते जाते आते आते और कितनी योजनांए लांच हो जाए. वोट किसको देना है यह चुनाव के एक दिन पहले आपको तय करना है लेकीन शासन की योजनाओं को ठुकराना नही है क्योंके योजनाओं के माध्यम से दी जाने वाली हर वस्तु और दीया जाने वाला पैसा आप ही का है.
सरकार ने ईस योजना को सफल करने के लिए युध्द स्तर पर शास्कीय कर्मचारीयों,ग्राम पंचायतों,आंगनवाडी सेविकांओ,आशा वर्करों,नागरी सुविधा केंद्रों,महसुल विभाग के सेतू कार्यालयों के माध्यम से आन लाईन आफ लाईन फार्म भरे जाने की व्यवस्था की है यहां हर जगह भारी भिड देखने को मील रही हैं.
बैंको मे बढती भिड को देखते हूए बैंको का दायरा बढाया जाना चाहीए. हर बैंक में जगह की कमी महसुस की जाने लगी है. हर बैंक कम जगह मे माल कमा रही है और गेट पर ताला लगाकर पानी धुप में अपने ग्रहकों को बाहर रख रही है. जिन ग्राहको के भरोसे बैंक करोडो मे खेल रही और कर्मचारियों को भरपुर पगार दे पा रही है. व्यापारी और आम आदमी को हो रही परेशानी को ध्यान में रखते हुए योजनाओं के परिचालन के लिए अलग व्यवस्था की जाए और बाहर में ग्राहकों को धुप और वर्षा सेबचाने के लिए पेंडाल लगाया जाए ऐसी मांग बैंक ग्राहको द्वारा की जा रही है!
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